मल्लिकार्जुन खरगे का नाम सुनते ही मोदी और BJP अखिरकार क्यों खाते हैं खौफ!

मल्लिकार्जुन खरगे का नाम सुनकर ही मोदी और BJP खौफ खाते हैं, खरगे जब-जब बोलते हैं, सरकार के कारनामों की पोल खोलते हैं

 

मल्लिकार्जुन खरगे: एक मिल मजूदर का बेटा जो छात्र जीवन में दीवारों पर गांधी और आंबेडकर के विचार लिखता था, आज वो देश की राजनीति का रोल मॉडल है। देश की सबसे बड़ी और पुरानी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष है। आज कांग्रेस पार्टी उनके दीर्घकालिक राजनीतिक अनुभवों का लाभ लेकर निरंतर आगे बढ़ रही है।

मल्लिकार्जुन खरगे किसी से नहीं डरता… न सरकार से… न सत्ता की तानाशाही से न ही ईडी-सीबीआई की गीदड़ भभकी से। ये आदमी राहुल गांधी की तरह निडर और निर्भीक होकर सरकार को बेनक़ाब करता है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कह डाली PM मोदी को बड़ी बात 

मोदी जी बोलने के अलावा कुछ करो भी…. भाषण से जनता का पेट नहीं भरता। मुझे याद है… जब संसद में मोदी की आंख में आंख डालकर खरगे ने ये कहा तो पूरी संसद सन्न रह गई थी।

प्रधानमंत्री मोदी मनरेगा पर बकवास कर रहे थे, मल्लिकार्जुन खरगे से रहा नहीं गया। उन्होंने खड़े होकर सदन में कहा कि प्रधानमंत्री जी मनरेगा का मजाक तो बना दिया। मगर खुद 15 साल मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात के गरीबों के लिए कुछ नहीं किया आपने।

इससे पहले दक्षिण भारत के इस नेता को हिंदी हार्टलैंड भी हल्के में लेता था। मगर 2014 से 2019 के बीच सदन में खरगे की बेबाकी ने कई मुद्दों पर सरकार की हवा टाइट कर दी।

कभी सोचता हूं कि मल्लिकार्जुन खरगे जी इतना शांत और सुलझे हुए क्यों है… तो इन्हीं के अतीत से इसका उत्तर मिल जाता है। खरगे का पूरा बचपन बेहद दर्द और पीड़ा में गुजरा है, उनकी जवानी अभाव और संघर्षों में…. मगर खरगे ने कभी हार नहीं मानी, परिस्थितियां चाहे जैसी हो, उन्होंने साहसपूर्वक लड़ा।

साल 1947 में एक तरफ देश आजादी का जश्न मना रहा था, दूसरी तरफ 5 साल के खरगे का बचपन तबाह हो रहा था। निजाम के सैनिकों ने खरगे की मां और बहन को उनकी आंखो के सामने जला दिया था।

निजाम के क्रूर सैनिकों से बचने के लिए 5 साल के खरगे को लेकर उनके पिता जंगल की तरफ भाग गए। फिर खरगे को एक रिश्तेदार के पास छोड़कर उनके पिता गुलबर्गा चले गए मजदूरी करने।

पढ-लिखकर खरगे जब वकील बने तो सबसे पहले मिल के उन्हीं मजदूरों की आवाज उठाई, जिनके साथ उनके पिता मजदूरी करते थे। खरगे अपने जिले गुलबर्गा के पहले दलित वकील थे।

साल 1972 में जब 27 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनें, तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक-दो बार नहीं बल्कि नौ बार लगातार विधायक बनें। कई बार कर्नाटक सरकार में मंत्री बनें। फिर सांसद और केंद्र में मंत्री बनें और फिर देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष।

आज मल्लिकार्जुन खरगे जी का जन्मदिन है। खरगे जी को जन्मदिन की मुबारकबाद और शुभकामनाएं। खरगे जी स्वस्थ और दीर्घायु हों…ताकि नफरत, भ्रष्टाचार और तानाशाही के विरूद्ध उनकी निर्भीक आवाज गूंजती रहे।

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