Bangladesh News: बांग्लादेश की राजनीति के दो बड़े और प्रमुख चेहरे

Bangladesh News: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल पुथल शेख़ हसीना ने इस्तीफ़ा देकर देश छोड़ने घटनाक्रम: एक नज़र में समझें

 

Bangladesh News: बांग्लादेश की राजनीति के दो बड़े और प्रमुख चेहरे हैं- बांग्लादेश अवामी लीग की शेख़ हसीना और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की खालिदा ज़िया. पिछले 15 सालों से बांग्लादेश में शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग की सरकार थी और वे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज थी!

दो अगस्त: प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के लिए इंसाफ़ की मांग करते हुए, शुक्रवार यानी दो अगस्त को छात्र कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर, जुमे की नमाज़ के बाद ही पूरे देश में प्रदर्शन शुरू हो गए थे!

तीन अगस्त: को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सेंट्रल शहीद मीनार पर आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे. भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के आयोजनकर्ता मौजूदा सरकार के इस्तीफ़े की मांग पर अड़े हुए थे. लोगों के हाथों में तख़्तियां थीं, जिनमें हसीना से इस्तीफ़ा दिए जाने की मांग वाले नारे लिखे हुए थे. पिछले महीने शुरू हुआ छात्रों का आंदोलन काफ़ी उग्र होने की वजह से 300 लोगों की मौत हो गई थी!

चार अगस्त: 2024 से असहयोग आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी. पिछले महीने शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद 20 जुलाई को बांग्लादेश सरकार ने देशव्यापी कर्फ़्यू लगा दिया था!

चार अगस्त, रविवार को ढाका में प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी एक पुलिस बॉक्स में तोड़ फोड़ करता हुआ. रविवार को हुई हिंसा में कम से 90 लोग मारे गए थे. इनमें एक इलाक़े में ही मारे गए 13 पुलसकर्मी भी शामिल हैं. पिछले शनिवार से ही कर्फ़्यू और इंटरनेट पाबंदियों में ढील देने की शुरुआत की जा रही थी, लेकिन पहले छह अगस्त और फिर बाद में पांच अगस्त चार अगस्त को बोकुरा में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे!

Bangladesh News: 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के लिए लड़ने वालों स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए कई सिविल सेवा नौकरियों में दिए गए आरक्षण को लेकर पिछले महीने छात्र सड़कों पर उतर आए थे!

अब एक फैसले के बाद सरकार ने अधिकांश कोटा वापस ले लिया है, लेकिन छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा!

छात्र प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों और घायलों के लिए इंसाफ़ की मांग कर रहे थे और चाहते थे कि पीएम हसीना अपने पद से इस्तीफ़ा दे दें!

इधर, बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना कुछ दिनों तक भारत में ही रह सकती हैं। उनकी ब्रिटेन में पनाह मिलने की उम्मीद टूटती दिख रही हैं। वहां की सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि ब्रिटेन पहुंचने पर उनके खिलाफ बांग्लादेश के प्रदर्शनों के चलते कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक फिलहाल शेख हसीना को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द कर दिया है। देश की पूर्व PM खालिदा जिया को भी रिहा कर दिया गया है।

बांग्लादेश में PM शेख हसीना के खिलाफ 2 महीने से जारी प्रदर्शन में सोमवार को जमकर हिंसा हुई थी। इसके बाद वे पद से इस्तीफा देकर भारत पहुंची थीं। हिंडन एयरबेस पर NSA अजित डोभाल ने उनसे करीब एक घंटे बातचीत की थी।

बांग्‍लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोस‍िएशन के अध्‍यक्ष ए.एम. महबूब उद्दीन खोकन ने भारत से अपील की है क‍ि शेख हसीना और उनकी बहन रिहाना को ग‍िरफ्तार कर बांग्‍लादेश वापस भेजा जाए।

बांग्लादेशी सेना में बड़े फेरबदल हो रहे हैं। मेजर जनरल उन्होंने भारत समर्थक मेजर जनरल जेनुल अहसान को बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि अमेरिका परस्त ले. जनरल सैफुल आलम को विदेश मंत्रालय सौंपा है। 4 अन्य टॉप जनरल भी बदले गए हैं।

बांग्लादेश 1971 में आजाद हुआ और इसी साल से वहां पर 80 फीसदी कोटा सिस्टम लागू हो गया था। बाद में इसमें कई बार बदलाव हुए। 2012 में इसमें आखिरी बार बदलाव हुआ तब 56% कोटा था। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में 30%, पिछड़े जिलों के लिए 10%, महिलाओं के लिए 10%, अल्पसंख्यकों के लिए 5% और 1% विकलांगों को दिया गया।

साल 2018 में 4 महीने तक छात्रों के प्रदर्शन के बाद हसीना सरकार ने कोटा सिस्टम खत्म कर दिया था, लेकिन बीते महीने 5 जून को हाईकोर्ट ने सरकार को फिर से आरक्षण देने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि 2018 से पहले जैसे आरक्षण मिलता था, उसे फिर से उसी तरह लागू किया जाए।

इसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। सरकार ने इसे सख्ती से कुचलने की कोशिश की लेकिन ये और तेज होता चला गया। इसके बाद बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में 56% आरक्षण देने के ढाका हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया।

आरक्षण को 56% से घटाकर 7% कर दिया। इसमें से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को 5% कोटा और एथनिक माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग को 2% कोटा दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 93% नौकरियां मेरिट के आधार पर मिलेंगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी छात्रों का गुस्सा कम नहीं हुआ। वो शेख हसीना के पद छोड़ने की मांग करने लगे।

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