PM Aasha Yojana: मोदी सरकार ने किसानों के लिए खोला खजाना, 25000 हजार करोड़ के बजट के साथ जारी रखने का फैसला
PM Aasha Yojana: पीएम-आशा योजना रहेगी जारी, खाद पर सब्सिडी भी
PM Aasha Yojana: मोदी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ (पीएम-आशा) योजना को जारी रखने की घोषणा की है, जिससे किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिल सकेगा। साथ ही, खाद पर सब्सिडी को भी हरी झंडी दे दी गई है, जिससे खेती की लागत में कमी आएगी और किसान आर्थिक रूप से सशक्त होंगे।
किसानों के लिए सौगात
PM Aasha Yojana: सरकार ने इस घोषणा के तहत यह सुनिश्चित किया है कि ‘पीएम-आशा’ योजना के तहत किसानों को उनकी उपज के सही मूल्य का भुगतान किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत कई फसलों के लिए MSP का भुगतान सुनिश्चित किया जाता है, ताकि किसानों को उनके उत्पादन पर बेहतर मुनाफा मिल सके। खासकर, छोटे और सीमांत किसानों को इससे सीधा लाभ होगा।
अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण के लिए हम निरंतर बड़े कदम उठा रहे हैं। इसी कड़ी में आज हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान को स्वीकृति दी है। इससे ना केवल किसानों को अपनी फसल का लाभकारी मूल्य मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा।https://t.co/zBxOyHjaWI
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2024
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खाद पर सब्सिडी से बड़ी राहत
कृषि क्षेत्र में खाद एक प्रमुख इनपुट होता है, लेकिन इसकी बढ़ती कीमतें किसानों के लिए भारी पड़ती हैं। इसे देखते हुए, सरकार ने खाद पर सब्सिडी जारी रखने का फैसला लिया है, जिससे किसान अब कम लागत में गुणवत्तापूर्ण खाद प्राप्त कर सकेंगे। इससे फसलों की पैदावार बढ़ेगी और उत्पादन लागत में कमी आएगी, जिससे किसानों की मुनाफाखोरी में वृद्धि होगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
‘पीएम-आशा’ और खाद पर सब्सिडी का यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा। इससे ग्रामीण रोजगार और आय में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और देश की जीडीपी में भी योगदान बढ़ेगा।
सरकार की कृषि नीति का मजबूत आधार
मोदी सरकार की कृषि नीति हमेशा से किसानों के हित में रही है। ‘पीएम-किसान’, ‘कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड’, और ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ जैसी योजनाओं ने पहले ही किसानों की स्थिति को सशक्त बनाने का काम किया है। अब ‘पीएम-आशा’ और खाद पर सब्सिडी की निरंतरता इस दिशा में एक और ठोस कदम है।