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किसानों को खाद की नई कीमतों से लगा तगड़ा झटका, 50 किलो बोरी के लिए अब देने होंगे इतने रुपये

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किसानों और बागवानों के लिए नया सीजन शुरू होने से पहले एक बड़ी मुश्किल सामने आई है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि साल का सबसे खूबसूरत मौसम शुरू हो रहा है, तो जरा ठहरिए! दरअसल खाद के दामों में हुई भारी बढ़ोतरी ने किसानों के चेहरे से हंसी गायब कर दी है।

जी हां हम बात कर रहे हैं हिमफेड द्वारा दी जाने वाली एनपीके (12-32-16) खाद की। पहले जहां 50 किलो की बोरी 1470 रुपये में मिलती थी, अब वही खाद 1720 रुपये में बिक रही है। यानी हर बोरी पर 250 रुपये का फटका।

किसानों के लिए इसकी अहमियत

आप सोच रहे होंगे कि ये एनपीके (NPK) खाद है क्या? आइए बताते हैं। दरअसल एनपीके का मतलब है नाइट्रोजन (Nitrogen), फास्फोरस (Phosphorus), और पोटैशियम (Potassium)। 

ये तीनों पोषक तत्व सेब के पेड़, फल और दूसरी फसलों के लिए बहुत जरूरी होते हैं। खासकर हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों के लिए तो यह खाद किसी जादू से कम नहीं है। अगर यह खाद न मिले तो समझिए बागबानी में कुछ तो गड़बड़ है!

महंगाई के इस दौर में बढ़ी खाद की कीमतें

अब बात करते हैं महंगाई की। जब से खाद के दामों में वृद्धि हुई है, तब से किसानों के चेहरे की मुस्कान कहीं खो गई है। पहले जहां वे 1470 रुपये में खाद खरीदते थे, अब उसी खाद के लिए उन्हें 250 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे।

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