Big Breaking News: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Big Breaking News: वैक्सीन अनिवार्यता और संवैधानिक अधिकारों पर

Big Breaking News: जैकब पुलियेल बनाम भारत संघ मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई 2022 को वैक्सीन अनिवार्यता (Vaccine Mandates) और इससे जुड़े संवैधानिक मुद्दों पर फैसला सुनाया। डॉ. जैकब पुलियेल, जो नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के पूर्व सदस्य हैं, ने वैक्सीन अनिवार्यता को चुनौती दी थी।

उन्होंने COVID-19 वैक्सीन के ट्रायल डेटा में अधिक पारदर्शिता (Transparency) की मांग की और बिना जानकारी के सहमति (Informed Consent) के वैक्सीन अनिवार्यता की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया।

यह मामला मुख्य रूप से अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 19(1)(g) (व्यवसाय, व्यापार और पेशे की स्वतंत्रता) के साथ-साथ गोपनीयता के अधिकार (Right to Privacy) की व्याख्या से संबंधित था।

जैकब पुलियेल बनाम भारत संघ मामला इस बात को रेखांकित करता है कि महामारी के दौरान व्यक्तिगत अधिकारों और जन स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।

सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत स्वायत्तता और गोपनीयता के अधिकार को मान्यता दी, लेकिन साथ ही सरकार के अधिकार को भी स्वीकार किया कि वह सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उचित प्रतिबंध लगा सकती है।

Big Breaking News: मामले के तथ्य (Facts of the Case)

भारत संघ ने वैक्सीन अनिवार्यता का बचाव करते हुए कहा कि यह जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जरूरी है। सरकार ने जोर देकर कहा कि भारत ने COVID-19 से लड़ने के लिए सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया, जिसमें COVAXIN और COVISHIELD जैसी वैक्सीन शामिल थीं, जो कठोर नियामक (Regulatory) मंजूरी के बाद उपयोग में लाई गईं।

सरकार ने यह भी कहा कि कोर्ट को सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों (Public Health Policies) में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, विशेष रूप से उन मामलों में जहां विशेषज्ञों की राय (Expert Opinion) पर आधारित निर्णय होते हैं।

उनका कहना था कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक था और इसे बाधित करना वैक्सीन हिचकिचाहट (Vaccine Hesitancy) को बढ़ावा देगा.

Judgement

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि व्यक्तियों के पास टीकाकरण को अस्वीकार करने का अधिकार है, लेकिन राज्य के पास जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उचित प्रतिबंध (Reasonable Restrictions) लगाने का अधिकार भी है। कोर्ट ने वैक्सीन अनिवार्यता को संवैधानिक माना, जब तक कि यह जबरन न हो और व्यक्तिगत स्वायत्तता का सम्मान किया जाए।

कोर्ट ने सरकार को यह निर्देश भी दिया कि टीकाकरण अभियान स्वैच्छिक रहे और अनवैक्सीनेटेड व्यक्तियों पर लगाए गए प्रतिबंधों की समय-समय पर समीक्षा की जाए

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