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बीकानेर नारी निकेतन में गूंजी शहनाई! 2 मूकबधिर युवतियों का हुआ विवाह, जोधपुर और हनुमानगढ़ से आई बारात

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बीकानेर नारी निकेतन में गूंजी शहनाई! 2 मूकबधिर युवतियों का हुआ विवाह, जोधपुर और हनुमानगढ़ से आई बारात
  रमेश भार्गव बीकानेर: दो मूकबधिर युवतियों का विवाह सोमवार की रात सम्पन्न हुआ. बीकानेर के नारी निकेतन में ये शाम खास और भावुक थी, जब दो मूकबधिर युवतियों का विवाह संपन्न हुआ. इस समारोह में जोधपुर और हनुमानगढ़ से बारात आई थी, और विवाह भामाशाह और प्रशासन के सहयोग से संपन्न हुआ.   आपको बता दें कि पिछले 12 सालों में नारी निकेतन में अपना वक्त काटने वाली इन युवतियों ने शायद ही सपने में सोचा होगा कि उनका जीवन ना केवल ख़ुद के लिए अपने जीवन साथी के लिए ख़ुशिया लाएगा. भले ही दोनों बोल और सुन नहीं सकती है, लेकिन कहते हिना चेहरा तो भावों का दर्पण होता है.   इनके चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट बता रही थी की अपनी नई जीवन की शुरूआत पर ये कितनी ख़ुश हैं.   इस अनोखे विवाह समारोह में शामिल होने ख़ास लोग भी बड़ी सिद्धत से पहुंचे थे. संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, एसपी तेजस्वनी गौतम, और मेयर सुशीला कंवर ने वर और वधु को आशीर्वाद दिया. समारोह में कई प्रशासनिक अधिकारी और समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोग उपस्थित थे. इस विवाह ने सामाजिक कल्याण विभाग की कोशिशों को मान्यता दी, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.   यह न केवल एक विवाह समारोह था, बल्कि यह सामाजिक समावेश और सहयोग की भावना का भी प्रतीक था.   समाज के विभिन्न वर्गों का सहयोग विवाह समारोह में साफ़ नज़र आया. भामाशाह और प्रशासनिक अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. भामाशाह ने आर्थिक सहायता प्रदान की, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों ने आयोजन की समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं. इस आयोजन ने यह दिखाया कि समाज के सभी वर्ग मिलकर विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों के जीवन में खुशी और उम्मीद की किरण ला सकते हैं. यह विवाह समारोह न केवल इन दो युवतियों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक नई शुरुआत का प्रतीक था. यह दर्शाता है कि समाज में सभी लोगों के लिए समान अवसर और अधिकार उपलब्ध कराए जा सकते हैं.   नारी निकेतन में आयोजित इस विवाह समारोह ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि मानवीय संवेदनाएँ और सहयोग सुअवअसर लाते है. दोनों मूकबधिर युवतियों की मुस्कुराहट ने यह दिखा दिया कि सच्ची खुशी शब्दों की मोहताज नहीं होती. यह विवाह समारोह हमारे समाज में समानता, सहयोग और सहानुभूति की भावना को और मजबूत करने का एक अद्वितीय उदाहरण है
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