Breaking News: नए कानून के तहत पीड़ित को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा।
Breaking News: एसपी डबवाली श्रीमति दीप्ति गर्ग आई पी एस द्वारा डॉक्टर भीम राव अंबेडकर कॉलेज डबवाली में सेमिनार का आयोजन कर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को दी नए कानूनों की जानकारी दी पुलिस अधीक्षक डबवाली श्रीमति दीप्ति गर्ग आई पी एस ने रविवार को डा.भीम राव अम्बेडकर कॉलेज डबवाली के सभागार में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन कर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को तीनों नए कानूनों के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया। Breaking News: इस दौरान नए कानूनों के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। पुलिस अधीक्षक डबवाली ने कहा कि तीन नए कानून भारतीय न्याय सहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिता 2023 व साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई 2024 से लागू हो रहे हैं। जो भारतीय दंड सहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) व भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे। पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों इनका गहनता से अध्ययन करें। Breaking News: पुलिस अधीक्षक महोदय ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने के बाद पीड़ित को मुकदमें की प्रगति बारे एसएमएस या अन्य इलेक्ट्रोनिक्स माध्यमों द्वारा 90 दिनों के अंदर -अंदर जानकारी प्रदान की जाएगी। नए कानूनों के लागू होने पर ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिक से अधिक तीन साल में देना होगा। महिला विरूद्ध अपराध से संबंधित मामलों में 60 दिन के अंदर अंदर जांच पूरी कर माननीय न्यायालय में चालान पेश करना होगा। Breaking News: दोषी द्वारा चालान की प्रति प्राप्त करने उपरांत 60 दिन के अंदर अंदर माननीय न्यायालय में चार्जशीट करना अनिवार्य होगा। नये कानून के अनुसार इलेक्ट्रोनिक्स माध्यम/वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही रिकार्ड की जा सकेगी। मुकदमें में बहस/दलीलें पूर्ण होनें उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा 30 दिन में फैसला देना अनिवार्य होगा व जिससे अधिकतम 45 दिनों की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है। अन्य संगीन मामलों में 90 दिन में जांच पूरी कर चालान पेश करना होगा। नए कानून लागू होने पर पुलिस संगीन मामलों में 60 दिन के अंदर अंदर दौबारा से रिमांड ले सकती है। संगठित अपराध जो बार बार अपराध करते है ऐसे मामलों में अब कठोर सजा फांसी, उम्रकैद के साथ साथ कम से कम 10 लाख रूपये जुर्माना होगा। जैसे फिरौती मांगना, साइबर अपराध, किडनैपिंग, जमीनों पर कब्जा करना इत्यादी। संगीन मामलों में पुलिस अब आरोपियों को हथकड़ी लगाकर भी माननीय न्यायालय में पेश सकती हैं। गरीब की जायदात पर जो कब्जा करते है उनपर भी इसमे समयबद्व कारवाई का प्रावधान किया गया है। नए कानून में छोटे अपराध जिनमें 3 वर्ष से कम की सजा है, उनमें आरोपित यदि 60 वर्ष से अधिक आयु का है तो उसकी गिरफ्तारी के लिए उप पुलिस अधीक्षक या उससे वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य। गंभीर अपराध की सूचना पर घटनास्थल पर बिना विचार करे शून्य एफआइआर दर्ज होगी। पुलिस अधीक्षक महोदय ने बताया दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के मामलों में जांच दो माह के भीतर पूरी करनी होगी। नए कानून के तहत पीड़ित को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा। इसके अलावा तलाशी अथवा जब्ती की प्रक्रिया के दौरान वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य होगा। सेमिनार के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से वीडियों दिखाकर वीडियों ग्राफी करने की विधी का प्रशिक्षण दिया गया।
Breaking News: संगठित अपराध पर विशेष उन्होने बताया कि नए कानून में संगठित अपराध पर विशेष प्रावधान है। संगठित गैंग, सिंडिकेट चलाने वाले गिरोह के आरोपियों द्वारा अपराध कर काली कमाई से अर्जित की संपत्ति को अटेच करने के प्रावधान बारे विशेष रूप से दिया गया। अब जांच अधिकारी पुलिस अधीक्षक के माध्यम से माननीय न्यायालय में अपील कर आरोपियों की इस प्रकार से अर्जित की संपत्ति अटेच करवा सकेगा। पुलिस अधीक्षक महोदय ने कहा कि 1 जुलाई 2024 को जिला के प्रत्येक थाना में कार्यक्रम आयोजित कर सरपंचों व मौजिज लोगों को तीनों नए आपराधिक कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। ताकि वे आगे आमजन को जागरूक कर सकें। सेमीनार में श्री किशोरी लाल उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय, श्री राजीव कुमार उप पुलिस अधीक्षक कालांवाली, श्री जयभगवान उप पुलिस अधीक्षक डबवाली तथा सभी थाना प्रबंधक, सभी प्रभारी चौंकी, प्रभारी सी आई ए कलांवाली, डबवाली, प्रभारी ए एन सी स्टाफ व काफी सख्या में अनुसंधानकर्ता व अन्य पुलिकर्मी मौजूद रहे ।
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