Breaking news bjp: जाट व दलित दो जगह बटने से भाजपा को होगा फायदा
Breaking news bjp: भाजपा ने 4 सितंबर को अपने 67 उम्मीदवारों की टिकट की घोषणा कर दी। हरियाणा में भाजपा की टिकट वितरण के बाद कुछ जिलों में कार्यकर्ताओं के बीच काफी असंतोष देखने को मिल रहा है। कुछ असंतुष्ट नेताओं को बीते दिन बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया गया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और विधानसभा सह -प्रभारी विप्लव कुमार देव के साथ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने टिकट से वंचित नेताओं के असंतोष को दूर करने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। भाजपा की सूची में जिन उम्मीदवारों के नाम है, वह जल्द से जल्द नामांकन कर लेना चाहते हैं। उन्हें डर है कि कहीं उनके टिकटो में बदलाव न हो जाए। वर्ष 2014 और 19 में टिकट वितरण के बाद ऐसा असंतोष पार्टी कार्यकर्ताओं में देखने को नहीं मिला था। पार्टी में पनपे असंतोष को जहां कांग्रेस अपने लिए मुरीद मान रही है वही राजनीतिक जानकार इसे भाजपा के लिए फायदे का सौदा मान रहे हैं। Breaking news bjp: राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पार्टी इस समय गोवा विधानसभा की रणनीति पर काम कर रही है। गोवा में भी सत्ता विरोधी लहर थी और भाजपा ने तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अपनी रणनीति के तहत चुनाव में सभी नए चेहरे उतारे। गोवा में भी टिकट बंटवारे के बाद नेताओं में इसी प्रकार से असंतोष पनता था। जिन दावेदारों को टिकट नहीं मिली उन्होंने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा जिनमें से कुछ जीत कर आए और जो जीत कर ना आ पाए उन्होंने वोट काटने का काम किया जिसका फायदा भाजपा को मिला। इसी रणनीति पर भाजपा कार्य कर रही है। कुछ नेता मांन मनोबल के बाद मान जाएंगे और जो नहीं मानते हैं और बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं, इसका फायदा भी भाजपा को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। रणनीतिकार मान रहे हैं कि भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाला वोट काटेगा जिसका फायदा भाजपा को मिलेगा। अगर कुछ बागी जीतते हैं तो वह भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वही राजनीतिक पंडित मान रहे हैं कि गत लोक सभा चुनाव में जाट व दलित बिरादरी का वोट कांग्रेस को मिला था। इस विधानसभा चुनाव में जाट व दलित का वोट दो भागों में बटेगा। एक तरफ ईनेलो ने बसपा से गठबंधन किया है तो दूसरी और जजपा ने दलित नेता चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाजवादी पार्टी से समझौता किया है। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि ऐसे में जाट व दलित वोट बटेंगे जिसका फायदा भाजपा को मिलेगा। भाजपा ने भी प्रदेश के कई छोटे-छोटे दलों के साथ समझौता किया है जिसका फायदा भी भाजपा को होता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस भी आप से समझौता कर रही है लेकिन अभी तक दोनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर पेच फंसा हुआ है। अब देखना होगा कि भाजपा को गोवा की रणनीति कितना फायदा पहुंचा पाएगी। यह तो आने वाली 8 अक्टूबर को ही पता चल पाएगा।