Chandrashekhar Azad ने बढ़ाई अखिलेश-मायावती की टेंशन.. चल दी ये चाल

Chandrashekhar Azad: चंद्रशेखर ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सरकार अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने को निजी क्षेत्र की संस्थाओं को प्रोत्साहित करे.

Chandrashekhar Azad: नगीना लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद के एक कदम ने अखिलेश यादव और मायावती की टेंशन बढ़ा दी है.

दरअसल, Chandrashekhar Azad ने शुक्रवार को लोकसभा में एक निजी विधेयक पेश किया. इस विधेयक में अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए निजी क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थानों और उन अन्य प्रतिष्ठानों में आरक्षण की मांग की गई है.. जिनमें कम से कम 20 लोगों को रोजगार मिलता है और सरकार का कोई वित्तीय हित नहीं होता है.

इस विधेयक का उद्देश्य वर्तमान में केवल सार्वजनिक क्षेत्र के लिए उपलब्ध आरक्षण लाभ को निजी क्षेत्र तक बढ़ाना है. इस विधेयक को औपचारिक रूप से निजी क्षेत्र में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण अधिनियम, 2024 नाम दिया गया है.

वार्षिक रिपोर्ट पेश करने की भी कही गई बात

विधेयक में संसद के दोनों सदनों में अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई का विवरण देने वाली वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की भी बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को नियम बनाने का अधिकार दिया जाएगा. वर्तमान में निजी क्षेत्र में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है.

इसलिए बढ़ सकती है अखिलेश और मायावती की टेंशन

Chandrashekhar Azad के इस कदम से यूपी की राजनीति में बड़ा असर पड़ सकता है. यही वजह है कि इस कदम ने अखिलेश यादव और मायवती की टेंशन बढ़ा दी होगी.

Chandrashekhar Azad ने लोकसभा चुनाव में जिस तरह बीजेपी के उम्मीदवार को हराकर निर्दलीय जीत दर्ज की, उससे ये साबित हुआ है कि यूपी में दलित वोट बैंक पर अब चंद्रशेखर की भी पकड़ बनती जा रही है.

इस तरह यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर कई सीटों पर खेल बिगाड़ सकते हैं.

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