Earthquake : देश के इस राज्य में आज भूकंप के झटके, इतनी थी तीव्रता

जानकारी के अनुसार अभी तक किसी भी तरह के नुकसान और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

Earthquake : देश की बड़ी खबरों में गुजरात से हैं, जानकारी के अनुसार गुजरात के कच्छ जिले में भूकंप के झटके महसूस हुए है। जानकारी के अनुसार भूकंप सुबह तड़के करीबन 3 बजकर 54 मिनट पर आया।

कच्छ जिले में आए भूकंप की तीव्रता 4 रिएक्टर स्केल बताई जा रही है, इसका केंद्र बिंदु कच्छ के खावडा से करीब 47 किमी उत्तर पूर्व में बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार अभी तक किसी भी तरह के नुकसान और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

ये होता है रिक्‍टर स्‍केल

आपको बता दें कि जब भी भूकंप आता है। इस भूकंप की तीव्रता नापने के लिए रिक्‍टर पैमाने का इस्‍तेमाल किया जाता है। इसकी खोज अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्‍स रिक्‍टर और बेनो गुटरबर्ग ने 1935 में की थी।

क्‍या होता है रिक्‍टर स्‍केल?

भूकंप की तीव्रता नापने के लिए रिक्‍टर पैमाने का इस्‍तेमाल किया जाता है. इसकी खोज अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्‍स रिक्‍टर और बेनो गुटरबर्ग ने 1935 में की थी। विचार था कि भूकंप की तीव्रता को एक संख्‍या में व्‍यक्‍त किया जाए ताकि इसकी दूसरे भूकंपों के साथ तुलना की जा सके।

कैसे होती है तीव्रता की माप?

– 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप हल्‍का होता है और सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।

– 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन महसूस होता है ।

– 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।

– 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर घरों की खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।

– 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर और अन्‍य बड़े सामान तक हिल सकते हैं।

– 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।

– 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।

– 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।

– 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही मच सकती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे जमीन लहराती हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ जाएगी।

भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप की एकदम सटीक भविष्यवाणी तो संभव नहीं है लेकिन ये जरूर पता लगाया जा सकता है कि धरती के नीचे किस इलाके में और किन प्लेट्स के बीच हलचल ज्यादा है।

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