Fake medicine: दोस्तों आज मार्केट मे हर दवाई की नकली दवाई कॉपी होकर बिक रहीं है.. यहा जाने पूरी जानकारी
Fake medicine: कोई दवा असली है या नकली, इसकी 100% पुष्टि प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता होती है। बता दे कि आज के समय मे कुछ बातें ऐसी हैं जिसे आम व्यक्ति भी पहचान कर बता सकते है कि कोन सी दवाई नकली है या असली!
Fake medicine: दोस्तों जब भी आपकी तबियत बिगड़ती हैं, तो आप सीधे तौर पर दवाई का प्रयोग तो करते ही होंगे? जहां कुछ लोग केमिस्ट से दवा लेकर खा लेते हैं. आपको बता दें कि वहीं कई लोग पहले डॉक्टर को दिखाते हैं और फिर उनके द्वारा दी गई दवाओं का सेवन करते हैं और देखा जाए कि तरीका भी यही सही है।
Fake medicine: जानकारी के लिए बता दें कि कभी भी खुद से कोई दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए। पर क्या आप ये जानते हैं कि बाजार में नकली दवाइयां भी बेची जा रही हैं?
शायद नहीं, लेकिन ऐसा हो रहा है। कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें नकली दवाइयां पकड़ी जाती हैं। ऐसे में आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप जब भी ऑनलाइन या मेडिकल स्टोर से दवा खरीदें, तो कुछ बातों का ध्यान रखें। वरना आप भी नकली दवा लेकर घर आ सकते हैं। तो चलिए जानते हैं दवा खरीदते सयम किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.. आइए जानते है
Fake medicine: दवा की पैकेजिंग अच्छी तरह से देखें. खराब क्वालिटी की छपाई या पैकेजिंग नकली दवा का संकेत हो सकती है. दवा के लेबल या अन्य पैकेजिंग पर उत्पाद के नाम, निर्माता, या मुख्य सामग्री की गलत वर्तनी (spelling mistake) अगर है तो वो नक़ली है। अगर पैकेज सील नहीं है तो उसे ना लें।
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फतेहाबाद में 100 करोड़ की लागत से बनेगी जेल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्चुअल माध्यम से किया उद्घाटन। Fake medicine: दवा पर बना बारकोड सिंगल यूज के लिए होता है. 100 रुपये से ज़्यादा कीमत वाली दवाओं पर बारकोड लगाना ज़रूरी होता है. अगर दवा पर बारकोड नहीं है, तो उसे न खरीदें. इस कोड में दवा की मैन्युफैक्चरिंग डेट और लोकेशन से लेकर सप्लाई चेन तक की पूरी जानकारी होती है.
Fake medicine: कभी भी अज्ञात वेबसाइटों से दवाएं न खरीदें.
Also read: SSC sub inspector 2024: सब इंस्पेक्टर के 4187 पद, डिग्री वाले करें आवेदन Fake medicine: यदि आप किसी दवा का नियमित उपयोग कर रहे हैं और नयी स्ट्रिप लेने पर आपको दवा के आकार में बदलाव लग रहा तो डॉक्टर या फार्मेसी को कॉल कर जानकारी लें।
Fake medicine
Fake medicine: वैध गोलियाँ हमेशा फ़ैक्टरी-निर्मित दिखाई देंगी। यदि आपकी गोलियाँ फटी हुई हैं, उन पर बुलबुले जैसी कोटिंग है, या वे भुरभुरी हैं, तो ध्यान दें। अतिरिक्त पाउडर या क्रिस्टल वाली फफूंदयुक्त गोलियाँ या जार को भी संदिग्ध माना जाना चाहिए।
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Fake medicine नियम के मुताबिक, 100 रुपये से ऊपर की कीमत वाली सभी दवाओं पर क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य है। अगर किसी दवा पर ये नहीं है, तो ऐसी दवाइयों को न खरीदें। आप अपनी शिकायत टोल फ्री नंबर
1800111255 पर भी दर्ज करा सकते हैं। बने रहे आप हमारी वेबसाइट Esmachar के साथ. आपको हरियाणा ही नहीं बल्कि सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं से हम रूबरू कराने के लिए सबसे पहले तयार है. चाहे खबर कोई भी हो. सरकारी योजनाए, क्राइम, Breaking news, viral news, खेतीबाड़ी, स्वास्थ्य.. सभी जानकारियों से जुड़े रहने के लिए हमारे whatsapp ग्रुप को जॉइन जरूर करें.