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Famliy I'd है गरीब का सुरक्षा कवच...राजबीर सिंह रोहीला

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Famliy I'd है गरीब का सुरक्षा कवच...राजबीर सिंह रोहीला
Famliy I'd (परिवार पहचान पत्र ने लाखों लोगों की जिंदगी बदल दी जो लोग सरकारी योजनाओं से महरूम थे दशकों से राशन कार्ड नही बन रहे थे बुढापा पेंशन नही बन पा रही थी पीपीपी के माध्यम से घर बैठे लाखो लोगो की पेंशन बनी राशन कार्ड बने आज एक बयान जारी करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश प्रवक्ता राजबीर सिंह रोहीला ने बताया कि   पीपीपी ( परिवार पहचान पत्र ) कैसे जीवन बदला पूरे स्टेट के हर एक व्यक्ति का डिजिटल डेटा है। जो दूसरे किसी राज्य में इस स्तर पर नहीं है। पीपीपी से जुड़ी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए किसी दफतर नहीं जाना होता आवेदन नहीं करना होता। किसी से कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाता। स्कूलों में बच्चों के कॉस्ट सर्टिफिकेट बनवाए जाते थे तो उनसे कास्ट पूछते थे। पीपीपी के माध्यम से अब किसी बच्चे का कास्ट सर्टिफिकेट नही मांगा जाता ना उससे कास्ट पूछी जाती है। यह एक बहुत बड़ा सामाजिक बदलाव है। BPL कार्ड के लिए कोई आवेदन नही है अपने आप बनता है। एक ही बार में एक ही दिन में 12 लाख कार्ड बनाए है जो सालों से इंतजार कर रहे थे। बिना पीपीपी( परिवार पहचान पत्र )के यह संभव नहीं था। पेंशन के लिए पहले कागज भी चलते थे और पैसे भी। बुजुर्ग व्यक्ति धक्के खाता था। अब पेंशन खाते में बिना आवेदन के आ जाती है। पीपीपी से जुड़े किसी डॉक्यूमेंट डोमिसाइल,कास्ट, इनकम, बीपीएल किसी के लिए कोई आवेदन नही है बस अपना पीपीपी नंबर डालकर डाउनलोड किया जा सकता है। पहले योजनाएं बनती थी पर हर एक व्यक्ति तक नहीं पहुंचती थी। पीपीपी आने के बाद अब पता होता है कि किस योजना के किस जिले में कितने लाभार्थी है और उन सब तक योजना पहुचाई जाति है कोई छूटता नहीं है। पहले योजनाएं सरकार अपने तरीके से बनाती थी। अब पीपीपी के आने के बाद लोगो की जरूरत को उनकी समस्या को उनके वर्ग को पहचान कर योजना बनाई जा सकती है। पहले लोग सरकार से सेवाओं और योजनाओ का लाभ लेने आते थे अब सरकार उन्हे ढूंढ ढूंढ कर दे रही है। यह इतिहास में पूरे देश में कही नहीं हुआ । और प्रोएक्टिव मोड से सरकार की योजनाओं और सेवाओं का लाभ देने का उदाहरण देश में कही नही है। रोहीला ने बताया कि पीपीपी ने सरकारी तंत्र और आम जनता के समय, संसाधन और पैसे तीनो को बचाया है।   अगर पीपीपी हट गई तो जो नुकसान होंगे उनकी कल्पना भी नही की जा सकती जैसे सारे काम पुराने तरीके से होंगे। हर काम के लिए दफ्तर के चक्कर और दलालों का झंझट सेवाओं और योजनाओं की बंदरबांट शुरू हो जाएगी। लाभ दबंगों को मिलेगा और जिसका बनता है वो भटकेगा। युवाओं से सरकार का जुड़ाव ख़त्म होगा। आज लोग विशेषकर युवा फोन पर हर सुविधा चाहता है और बिना डेटा और तकनीक के यह नही हो सकता।   Famliy I'd: योग्य लोगो को पेंशन राशन और सेवाएं मिलेगी। जो काम पीपीपी के माध्यम से एक दिन में हो सकता है वही काम बिना पीपीपी के सरकार को करने में सालों लग जाएंगे। उदहारण 12 लाख BPL कार्ड एक दिन में पूरी सरकार मिलकर भी नही बना सकती थी जो केवल एक क्लिक से हो गया। 70 हजार पेंशन एक दिन में बनी है। और खाते में गई है। पीपीपी का न होना अब वैसा ही है कि आपको पैसा निकालने के लिए हर बार बैंक जाना होगा। आधुनिक भारत में हरियाणा प्रोग्रेसिव स्टेट है जो तकनीक के मामले में देश को लीड कर रहा है। 100 से ज्यादा नेशनल अवार्ड है। सेवाओं को लोगो तक तकनिक के माध्यम से पहुंचाने के और गुड गवर्नेंस के बिना पीपीपी के यह कभी नहीं हो सकता। आज लोग बाबुओं और अधिकारियों पर निर्भर नही है 50 हजार देकर भी किसी की गलत पेंशन नही बन सकती। पीपीपी खत्म होते ही सब दोबारा शुरू हो जाएगा। राजबीर सिंह रोहीला ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा आज इस योजना का अध्ययन दूसरे राज्य भी कर रहे है ये पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसे मुख्यमंत्री नायब सैनी आगे बढ़ा रहे विपक्ष का प्रोपगंडा नही चलने वाला क्योकि उन्होंने लूट खसोट की राजनीति की थी जिसे जनता ने नकार दिया था
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