Haryana : अपने पद पर ड्यूटी ना कर जुगाड़ से कार्यालयों में बैठे रोडवेज कर्मियों पर होगी कार्रवाई, विभाग ने मांगी रिपोर्ट
इन सभी कर्मियों का हाल ही में अपने पद पर ड्यूटी ना करने का पत्र परिवहन मंत्री के पास पहुँचा है। और सभी डिपो महा परबंधकों से इस मामले में अभी ली पूरी लिस्ट मांगी गई है हो अपनी ड्यूटी को सही ढंग से नहीं कर रहें है।
परिवहन मंत्री अनिल विज के पास हाल ही में हरियाणा रोडवेज विभाग के कर्मचारियों की कार्य प्रणाली को लेकर एक पत्र मिला है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 1200 कर्मचारी अपने मूल पद पर ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसके माध्यम से शिकायतकर्ता ने कई गंभीर मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
पत्र में क्या कहा गया?
इस पत्र में मिल है की हरियाणा रोडवेज विभाग में कार्यरत ड्राइवर और कंडक्टर को काम पर नहीं लगाया जा रहा है। कुछ डिपो में इनकी संख्या 100 से अधिक है जबकि कही ये 50 से भी ऊपर है । पूरे हरियाणा में ऐसे कर्मचारियों की संख्या लगभग 1200 हो सकती है।
इनमें से कुछ कर्मचारियों की समस्याएं सही हो सकती हैं, लेकिन अधिकतर लोग बिना किसी कारण के आराम फरमा रहे हैं। इस स्थिति के कारण अन्य ड्राइवर और कंडक्टरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उन्हें इन कर्मचारियों का भी काम करना पड़ता है। इसके चलते समय पर छुट्टियां नहीं मिल पाती हैं।
मंत्री का निरीक्षण
मंत्री अनिल विज हाल ही में कई बस अड्डों का निरीक्षण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें डिपो की कार्य प्रणाली में खामियों के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हालाँकि, मंत्री के संज्ञान में आने के बाद भी, रोडवेज जीएम कैथल कमलजीत चहल ने कहा है कि उन्हें ई-मेल के माध्यम से शिकायत की सूचना मिली है और इस पर जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह शिकायत फर्जी भी हो सकती है, जिसके लिए विस्तृत जांच आवश्यक है।
विभाग के निदेशक सुजान सिंह ने भी इस मामले में स्पष्ट किया है कि इस संबंध में उनके पास कोई औपचारिक शिकायत नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि जब तक शिकायत हमारे पास नहीं आती, तब तक इस मामले में कुछ भी कहना संभव नहीं है।
क्या है असली मुद्दा?
यह मामला इस बात का संकेत है कि हरियाणा रोडवेज विभाग में कार्य प्रणाली में गंभीर खामियां हैं। यदि यह शिकायत सही है, तो यह सिर्फ एक अकेले व्यक्ति की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। ऐसे मामलों में कर्मचारी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए क्यों सामने नहीं आते? क्या विभाग के उच्च अधिकारी इन मुद्दों को हल करने के लिए गंभीरता से कदम उठा रहे हैं?
चर्चा
सोशल मीडिया पर इस पत्र की चर्चा हो रही है और लोग इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे सही मानते हैं और कहते हैं कि यह समस्या बहुत गंभीर है, जबकि अन्य इसे सिर्फ एक व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला मानते हैं।
हरियाणा रोडवेज में 1200 कर्मचारियों के कार्य न करने की शिकायत ने एक नई बहस को जन्म दिया है। यदि सच है, तो यह परिवहन विभाग के लिए चिंता का विषय है। मंत्री अनिल विज को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी होगी और संबंधित अधिकारियों को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए उचित कदम उठाने होंगे।
समाज की नजरें इस मामले पर बनी हुई हैं और अब देखना होगा कि क्या विभाग इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देगा या फिर यह शिकायत समय के साथ भुला दी जाएगी।