Haryana Assembly Election: राहुल गांधी और दीपेन्द्र हुड्डा की जोड़ी का धमाका
Oct 1, 2024, 16:11 IST
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Haryana Assembly Election: राहुल और दीपेन्द्र ने आज 100 किमी से ज्यादा की यात्रा करते हुए सात विधानसभा क्षेत्रों को किया कवर चुनाव के अंतिम दौर में दीपेंद्र हुड्डा की रणनीति ने दी कांग्रेस को मजबूती दीपेंद्र हुड्डा और राहुल गांधी की जोड़ी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर में 100 किमी से ज्यादा की यात्रा करते हुए कांग्रेस पार्टी का मजबूती देने का काम किया है। राहुल गांधी ने दीपेंद्र हुड्डा के साथ बहादुगढ़ के पकौड़ा चौक से यात्रा की शुरुआत करते हुए खरखौदा, सोनीपत, गन्नौर से होते हुए गोहाना की सब्जी मंडी में समापन किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने सात विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। यात्रा के दौरान लोगों का भारी जनसमूह पूरे रास्ते साथ नजर आया था। दीपेंद्र हुड्डा ने अपनी रणनीति पर काम करते हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों निर्दलीय प्रत्याशी खड़े होने के चलते कुछ विधानसभा सीटें फंसती हुई नजर आ रही थी। उन्हीं सीटों पर राहुल गांधी की पदयात्रा का आयोजन करवाया। राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में 36 बिरादरी शब्द का इस्तेमाल किया। जिससे पूरे प्रदेश के लोगों में कांग्रेस पार्टी के प्रति काफी रुझान बढ़ा है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बहादुरगढ़ और गोहाना विधानसभा की सीट फंसती हुई नजर आ रही थी। जिसके बाद से दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर जनसभा आयोजित करके कांग्रेस पार्टी का जनाधार बढ़ाने का काम किया है। राहुल गांधी और दीपेंद्र हुड्डा की जोड़ी ने कांग्रेस पार्टी की हरियाणा में बनी हवा को आंधी बनाने का काम किया है। हरियाणा की जनता बीजेपी की जनविरोधी नीतियों से परेशान हो चुकी है। जिसके चलते लोकसभा चुनाव से पहले ही हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की हवा बन गई थी। इसके बाद से कांग्रेस पार्टी में लगातार 50 से ज्यादा पूर्व विधायक, सांसद और पूर्व सांसद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके है। वहीं, दीपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा में तुफानी दौरें करते हुए रोजाना कई जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा की इस रणनीति के सामने बीजेपी पूरी तरह से धाराशाही हो गई है। हरियाणा के चुनावी दंगल से बीजेपी बाहर हो गई है। बीजेपी के नेता खाली कुर्सियों को भाषण देते नजर आ रहे है। इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी 10 से 15 सीटों पर सिमटी हुई नजर आ रही है। इससे पहले भी दीपेंद्र हुड्डा ने टिकट न मिलने के चलते बागी हुए कांग्रेसी नेताओं को मनाते हुए कांग्रेस को ताकत देने का काम किया था।