Haryana Election: आचार संहिता के बाद क्या नई स्कीमें शुरू हो सकेंगी, सरकारी भर्तियों का क्या होगा? जानिए महत्वपूर्ण सवालों के जवाब

Haryana Election: यहा जानिए ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब

Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसी के साथ इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। मुख्य सचिव ने इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी गई है। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रोक लगी रहेगी। ये वो काम होते हैं, जिनसे सरकार को फायदा होने का अंदेशा होता है।

ऐसे में आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। मसलन- हरियाणा में सरकारी भर्तियां क्या होती रहेंगी, अगर कोई सड़क आधी बनी है तो क्या काम रुक जाएगा, क्या ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट बनने भी बंद हो जाएंगे?।

आचार संहिता से जुड़े 11 सवाल और उनके जवाब…

Haryana Election: आज से राज्य में लागू हुई आदर्श आचार संहिता होती क्या है?

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, जिसे आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के समय राजनीतिक दलों और सभी प्रत्याशियों को इसका पालन करना होता है। आचार संहिता के तहत बताया जाता है कि राजनीतिक दलों और कैंडिडेट को चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है।

आचार संहिता की सबसे खास बात ये है कि ये नियम किसी कानून के जरिए नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं। आदर्श आचार संहिता की वजह से चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और सत्ताधारी दलों के कामकाज और उनके व्यवहार पर नजर रखना संभव होता है।

Haryana Election: विधानसभा चुनाव में आचार संहिता कब से कब तक लागू रहेगी ?

चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। ये आचार संहिता इलेक्शन की पूरी प्रक्रिया खत्म होने तक जारी रहती है। विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान 16 अगस्त को किया गया। इसी दिन से आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता खत्म हो जाती है।

आचार संहिता के दौरान कौन से काम रुक जाते हैं और कौन से चालू रहते हैं?

आदर्श आचार संहिता की वजह से इन कामों पर रोक लग जाती है…

चुनाव कार्यों से जुड़े किसी भी अधिकारी को किसी भी नेता या मंत्री से उसकी निजी यात्रा या आवास में मिलने की मनाही होती है। ऐसा करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। सरकारी खर्चे पर किसी नेता के आवास पर इफ्तार पार्टी या अन्य पार्टियों का आयोजन नहीं कराया जा सकता है। हालांकि अपने खर्च पर वो ये कार्यक्रम कर सकते हैं।

सत्ताधारी पार्टी के लिए सरकारी पैसे से सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने के लिए विज्ञापन चलाने पर भी रोक होती है।

जिस योजना को हरी झंडी मिली है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ हो तो आचार संहिता लागू होने के बाद उस योजना पर काम स्टार्ट नहीं किया जा सकता है। विधायक, सांसद या विधान परिषद के सदस्य आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड से नई राशि जारी नहीं कर सकते हैं।

आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पेंशन फॉर्म जमा नहीं हो सकते और नए राशन कार्ड भी नहीं बनाए जा सकते। हथियार रखने के लिए नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बनेगा। BPL के पीले कार्ड नहीं बनाए जाएंगे। कोई भी नया सरकारी काम शुरू नहीं होगा।

किसी नए काम के लिए टेंडर भी जारी नहीं होंगे। किसी नए काम की घोषणा नहीं होगी। इस दौरान बड़ी बिल्डिंगों को क्लीयरेंस नहीं दी जाती है।

हरियाणा में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पदों पर जारी भर्तियों और अन्य स्कीम और कामों का क्या होगा, जिसकी घोषणा सरकार कर चुकी है?

हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने 50 हजार भर्तियों का वादा किया है। इनमें से 34 हजार पदों पर भर्ती हो गई है। बाकी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उस पर कोई रोक नहीं लगेगी, लेकिन मुख्यमंत्री या कोई मंत्री नियुक्ति पत्र अपने हाथों से नहीं दे पाएंगे।

आचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्तियों निकलती है तो यह चुनाव आयोग को देखना पड़ेगा कि भर्ती अभी क्यों निकाली जा रही है। इस भर्ती के देरी से निकलने की क्या वजहें हैं। अगर इसका उचित जवाब नहीं मिलता है तो यह माना जाएगा कि जान बूझकर देरी की गई है।

आचार संहिता लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस, आवासीय और कास्ट सर्टिफिकेट बनाना संभव है या नहीं?

जवाब : हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के नाम पर जरूरी काम नहीं रोके जा सकते हैं। पहले चल रहे विकास कार्यों को भी बंद नहीं किया जा सकता है। राशन कार्ड में संशोधन, ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनाए जाते रहेंगे। जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र बनाने और जमीनों की रजिस्ट्री जैसे काम करने पर कोई रोक नहीं लगती है।

आचार संहिता लागू होने के बाद सड़क बनाने या ठीक करवाने की इजाजत होती है या नहीं?

चुनाव आयोग के मुताबिक विधायक, मंत्री या कैंडिडेट आचार संहिता लागू होने के बाद कोई आर्थिक सहायता या उससे संबंधित कोई वादा नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के बाद किसी परियोजना अथवा योजना का शिलान्यास नहीं किया जा सकता है। सड़क बनवाने, पीने के पानी को लेकर काम शुरू करवाना तो दूर, वादा तक नहीं कर सकते हैं। जो काम पहले से चल रहा है वो आचार संहिता की वजह से बाधित नहीं होगा।

आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे होती है?

आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर पोस्टिंग सरकार नहीं कर सकती है। ट्रांसफर कराना बेहद जरूरी हो गया हो तब भी सरकार बिना चुनाव आयोग की सहमति के ये फैसला नहीं ले सकती है। इस दौरान राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं।

 क्या आचार संहिता लागू होने पर कोई मंत्री सरकारी खर्चे पर इलेक्शन रैली कर सकते हैं?

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी खर्च पर मंत्री इलेक्शन रैली नहीं कर सकते हैं। इस दौरान मंत्री सरकारी वाहनों का इस्तेमाल भी सिर्फ अपने निवास से ऑफिस तक जाने के लिए कर सकते हैं। चुनावी रैलियों और यात्राओं के लिए इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता।

क्‍या आचार संहिता के दौरान मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार कर सकते हैं?

नहीं, आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं। यहां तक की चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों, विमानों या किसी दूसरे सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

 क्‍या शराब के ठेकों, तेंदू की पत्तियों के टेंडर की नीलामी की जा सकती है?

नहीं, इस तरह के किसी टेंडर की नीलामी नहीं की जा सकती है। सरकार जरूरी होने पर आचार संहिता से पहले ही कोई तत्कालीन व्‍यवस्‍था कर सकती है। इसके अलावा नगर निगम, नगर पंचायत, नगर क्षेत्र समिति राजस्‍व संग्रहण का काम जारी रख सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button