Haryana election: भाजपा के काउंटर अटैक से बैकफुट पर आई कांग्रेस की ‘हिसाब मांगे यात्रा’

Haryana election: कांग्रेस शासन में हुए इन कांडों का जवाब भी पिता-पुत्र से अब दलित समाज मांग रहा है।

Haryana election: हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा

 

Haryana election: विधानसभा चुनावों में फायदा लेने के लिए “हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा” के जरिए बीजेपी से हिसाब मांगने निकली कांग्रेस अपनी इस यात्रा के कुछ दिन बाद ही बैकफुट पर आ गई है।

कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा द्वारा रची गई इस हिसाब यात्रा को बाप-बेटे की यात्रा बताते हुए भाजपा ने अब हुड्डा शासनकाल में हुए अपराधों, भ्रष्टाचार के मामलों और दलित एवं गरीब विरोधी फैसलों को जनता के बीच रखते हुए काउंटर अटैक किया है।

कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण धड़ा दीपेंद्र हुड्डा की हिसाब मांगे यात्रा से पहले से ही कोसों दूर है। कांग्रेस में आपसी गुटबाजी और बीजेपी द्वारा कांग्रेस पर किए गए काउंटर अटैक से कांग्रेस की हिसाब मांगों यात्रा की हवा निकलती दिखाई दे रही है।

हिसाब मांगने निकली कांग्रेस को अब अपना ही दांव इसलिए भी उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है, क्योंकि केंद्र की जांच एजेंसियों ने कांग्रेस शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार के कुछ मामलों में कांग्रेस के नेताओं के घोटाले फिर से उजागर कर दिए हैं।

इसमें सोनीपत के कांग्रेसी विधायक गिरफ्तार हो चुके हैं, तो महेंद्रगढ़ के कांग्रेसी विधायक राव दान सिंह भी हजार करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार में ईडी के शिकंजे में फंसते दिखाई दिख रहे हैं।

हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय राव दान सिंह के बेटे और करीबियों के ठिकानों से 1.42 करोड़ केस और 32 बेनामी संपतियों के कागजात बरामद कर चुका है। कांग्रेस के नेता धर्मबीर छौकर के बेटे पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल काट रहे हैं और पिता छौकर पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

ऐसे में भ्रष्टाचार में घिरी कांग्रेस जब भाजपा से हिसाब मांगते हुए जनता के बीच पहुंच रही है, तो कांग्रेस के नेता खुद घिरते नजर आ रहे हैं।

Haryana election: भाजपा की मीडिया और सोशल मीडिया टीम कांग्रेस शासन काल के दौरान 2005 का गोहाना कांड, 2006 का महमूदपुर कांड और 2010 में हुआ मिर्चपुर कांड हरियाणा की जनता को याद दिलाने में लगी है कि कैसे कांग्रेस शासन में दबंगों ने पुलिस की मौजूदगी में दलितों पर अत्याचार किया और उनके घरों को जला दिया था।

सरकार से हिसाब मांगने निकली कांग्रेस खुद ही बिखरी हुई है। गुटबाजी के चलते कांग्रेस का एक धड़ा हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा” से न केवल दूरी बनाए हुए है बल्कि इसका बायकॉट भी कर रहा है। कांग्रेस का खुद का हिसाब-किताब बिगड़ा हुआ है।

भाजपा के काउंटर अटैक से कांग्रेस बौखलाई हुई है। कुछ दिन पहले पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन के लिए हरियाणा के महेंद्रगढ़ आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा से हिसाब मांगने वाले भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को बड़े कड़े तेवर में घेरा तो पूरी बीजेपी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर आड़े हाथों लेना शुरू किया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए न केवल हिसाब दिया बल्कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुडा पर 11 सवाल दागे। इसके बाद भाजपा की तरफ से कांग्रेस से पूछे जा रहे सवालों और जांच एजेंसियों की तरफ से उजागर किए गए कांग्रेस नेताओं के भ्रष्टाचार के मामलों ने कांग्रेस को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है।

हुडा की “हरियाणा हिसाब मांगे यात्रा” अब कांग्रेस के लिए गले की फांस बनती जा रही है। हरियाणा प्रभारी दीपक बावरिया के खिलाफ बगावत के सुर भी तेज हो गए हैं। कांग्रेस का दूसरा धड़ा प्रभारी बावारिया पर पक्षपात का आरोप लगा रहा है। खुद के सवालों में घिरी कांग्रेस की इतनी फजीहत होगी शायद हुड्डा भी नहीं समझ पा रहे हैं।

Haryana election: भाजपा के मीडिया प्रभारी अरविंद सैनी का कहना है कि झूठ का पुलिंदा लेकर यात्रा पर निकले पिता-पुत्र को हरियाणा में कोई भाव नहीं दे रहा है और यह दिखावा मात्र बन कर रह गई है।

भाजपा मीडिया प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में दलित उत्पीड़न और अत्याचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

 

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