Haryana News: कांग्रेस में रहकर सनातन की रक्षा कैसे करेंगे भजन गायक कन्हैया मित्तल।

रमेश भार्गव -(स्वतंत्र पत्रकार)

Haryana News: भाजपा को भी आत्ममंथन करने की जरुरत.

Haryana News: यह सही है कि सुप्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल ने कभी भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण नहीं की।

लेकिन मित्तल ने सनातन धर्म के प्रति जो अपनी आस्था दिखाई उसका फायदा भाजपा को मिला। लोकसभा चुनाव में जो राम को लाए है, हम उनको लाएंगे का गाना देश भर में सुना गया। इस गाने से भी कन्हैया मित्तल को जबरदस्त लोकप्रियता मिली।

भजन समारोह के मंचों से कन्हैया मित्तल ने सनातन धर्म का गुणगान किया। लेकिन अब वही कन्हैया मित्तल कांग्रेस का दामन थाम रहे है। मित्तल का कहना है कि कांग्रेस भी सनातन धर्म का सम्मान करती है।

मैं कांग्रेस में रहकर सनातन धर्म की रक्षा का काम करूंगा। सवाल उठता है कि कन्हैया मित्तल कांग्रेस में रहकर सनातन धर्म की रक्षा कैसे कर पाएंगे? कांग्रेस का गठबंधन तो उस डीएमके के साथ है जो सनातन धर्म को खत्म करने की सोच रखता है।

कांग्रेस का गठबंधन जम्मू कश्मीर में उन राजनीतिक दलों के साथ है जो अनुच्छेद 370 की बहाली चाहते हैं, कन्हैया मित्तल भी जानते हैं कि 370 के प्रभावी रहते ही जम्मू कश्मीर से चार लाख हिंदुओं को प्रताड़ित कर भगा दिया गया। कांग्रेस के शीर्ष नेता मानते हैँ कि युवा वर्ग लड़कियों को छेड़ने के लिए मंदिरों में जाता है।

कांग्रेस के ऐसे माहौल में कन्हैया मित्तल सनातन धर्म को कैसे मजबूत कर पाएंगे? वैसे भी कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करती है, जबकि सनातन धर्म पंथ निरपेक्षता को मानता हे।

Haryana News: भाजपा को भी आत्ममंथन की जरुरत:

कन्हैया मित्तल जैसे सनातनी के कांग्रेस में शामिल होने पर भाजपा को भी आत्ममंथन करने की जरूरत है। सवाल उठता है कि आखिर कन्हैया मित्तल जैसे सनातनी भाजपा से दूर क्यों को रहे हैं?

यह सही है कि कांग्रेस अपने राजनीतिक स्वार्थों की खातिर कन्हैया मित्तल को शामिल कर रही है, लेकिन यह भाजपा के लिए भी निराशाजनक है। दूसरे दलों के नेताओं को शामिल करने के लिए भाजपा के नेता उत्सुक रहते हैं,जबकि अपने ही समर्थकों का सम्मान नहीं करते।

कन्हैया मित्तल जब कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, जब भी वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरखनाथ पीठ के प्रमुख योगी आदित्यनाथ को अपना धार्मिक गुरु मानते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कन्हैया मित्तल कांग्रेस में शामिल होते समय अभी कितने आहत है।

कहा जा रहा है कि कन्हैया मित्तल हरियाणा के पंचकूला से भाजपा का टिकट चाहते थे। भाजपा भले ही कन्हैया मित्तल की यह इच्छा पूरी न करे, लेकिन उनका इतना सम्मान तो होना ही चाहिए था कि जिसमें वे भाजपा के समर्थक बने रहते।

स्वाभाविक है कि अब कन्हैया मित्तल अपने भजनों से भाजपा को नुकसान पहुंचाएंगे। हरियाणा के चुनाव में भाजपा की स्थिति पहले ही कमजोर है। कन्हैया मित्तल का कदम भाजपा की स्थिति को ओर कमजोर करेगा।

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