Haryana News: एक प्रोजेक्ट ऑफिसर जींद जिले में नाचने गाने का कोई ग्रुप चलाता था। इसने जुगाड़ से जनसंपर्क विभाग में घुसने की योजना बनाई।
Haryana News: सबसे पहले इसने यह पता किया कि जनसंपर्क विभाग में कौन सा पद ऐसा है जिस पर कोई भी आसानी से लग सकता है। यह पद इसकी क्वालिफिकेशन के आधार पर विज्ञापित कर दिया गया। यह पद ही ऐसा था, जिसमें दूसरे पदों की तरह अधिक क्वालिफिकेशन, मीडिया अनुभव की आवश्यकता नहीं थी। इस बंदे ने उसके बाद अपने ही ग्रुप का एक्सपीरियंस अपने आप ही बना लिया और अप्लाई कर दिया। कमाल की बात यह है कि कंपीटीटर भी नहीं थे। खैर यह भर्ती हो गया, तब इसका वेतन, क्वालिफिकेशन और अनुभव दूसरों के मुकाबले काफी कम था और आज के दिन यह 6600 का स्केल ले रहा है। यानी की तीन स्केल का जंप इसने मार लिया जबकि किसी भी कर्मचारी- अधिकारी को एसीपी लेने में 8 साल लग जाते हैं। प्रमोशन में तो 10-12 या इससे भी अधिक साल लगते हैं। इसका आई क्यु आठवीं-दसवीं कक्षा के छात्र से अधिक नहीं है। फिलहाल इसे तीर्थ यात्रियों को भ्रमण के लिए लगाया गया है। उसमें भी यह डक्का नहीं फोड़ता। केवल जिले में जाकर कमरा बुक करवाता है और काम सारा स्थानीय कार्यालय के कर्मचारी करते हैं।
Haryana News: अब थोड़ा और जानिए इसके बारे में। जिस ग्रुप में यह नौकरी में आने से पहले काम करता था अब विभिन्न आयोजनों में उस ग्रुप की टीम में बनाकर उनका काम दिलवाता है। एक प्रस्तुति के 40 से 60000 रुपए कि अदायगी की जाती है। गत वर्ष को नवंबर-दिसंबर में हुए आयोजनों में भी इसकी टीम जिलों में भेजी गई थी।