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Haryana News: बिना अनुमति के भवन निर्माण करने वाले लोगों पर अब नगर निगम सख्त होता नजर आया।

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Haryana News: बिना अनुमति के भवन निर्माण करने वाले लोगों पर अब नगर निगम सख्त होता नजर आया।

Haryana News: गुरुग्राम में 200 भवनों को गिराने के आदेश हुए जारी

Haryana News: बता दे कि नगर निगम द्वारा शहर के 200 अवैध मकानों को गिराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. Haryana News: मिली जानकारी के अनुसार बता दे कि हाल ही में, निगम द्वारा एक सर्वे करवाया गया था. इसके बाद, 2600 अवैध भवन निर्माणकर्ताओं को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था. निगम के आयुक्त डॉ. नरहर सिंह बांगड़ द्वारा शहर में स्थित चारों जोन की इंफोर्समेंट टीम को हर शनिवार को अवैध भवनों के तोड़फोड़ अभियान को चलाने के निर्देश दिए हैं. अगले महीने से यह अभियान शुरू कर दिया जाएगा. Haryana News: 5 दिन का दिया गया है समय  सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नगर निगम द्वारा 200 से ज्यादा अवैध निर्माण कर्ताओं को डिमोलिशन आर्डर जारी करते हुए 5 दिन का समय दिया है. उन्हें कहा गया है कि 5 दिन के अंदर भवन मालिक या तो अवैध निर्माणों को खुद तोड़ लें, नहीं तो नगर निगम द्वारा इन्हें तोड़ा जाएगा. अगले सप्ताह से ही इन्हें तोड़ने का अभियान चलाए जाने की योजना तैयार कर ली गई है. विरोध से निपटने के लिए पुलिस विभाग से फोर्स की मांग कर दी गई है. प्रत्येक शनिवार को यह तोड़फोड़ अभियान चलाया जाएगा. Haryana News: यहाँ हो रहा सबसे ज़्यादा अवैध निर्माण वर्तमान में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण का काम नगर निगम के जॉन 3 में चल रहा है. यहां औपचारिकता के तौर पर महज नोटिस दिया जा रहा है. एसडीओ को बदलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. बीते 3 महीनों के दौरान चारों जॉन की टीमों द्वारा 30 के आसपास आयुध डिपो में अवैध निर्माणों को तोड़ा जा चुका है. वहीं, दूसरी तरफ 30 से ज्यादा अवैध निर्माणों को चारों जोन में निगम की इंफोर्समेंट टीम द्वारा तोड़ा गया है. Haryana News: धड़ल्ले से हो रहा अवैध निर्माण गौरतलब है कि वर्तमान में शहर में बिल्डरों द्वारा नियमों को ताक पर रख कर रिहायशी कॉलोनियों में अवैध निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है. निगम अब इन पर कार्रवाई करने के लिए तैयार हो चुका है. ऐसे 2600 अवैध निर्माणकर्ताओं को निगम द्वारा कारण बताओं नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं. इन्हें एक सप्ताह के अंदर अपना जवाब दायर करने का समय दिया गया है. कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर निगम द्वारा दोबारा डिमोलिशन आर्डर जारी किए जाएंगे. उसके बाद, तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
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