Highway : हाईवे बनेगे ‘स्मार्ट’, 35 हजार करोड़ के खर्च से NHAI जल्द करेगा ये बड़ा काम…

NHAI अपने Network की अतिरिक्त क्षमता को व्यावसायिक इस्‍तेमाल के लिए किराये पर देकर कमाई भी करेगा।

Highway : NHAI देश के प्रमुख राजमार्गों के साथ अपना ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) Network बिछाने की पूरी जोरों शोरों से तैयारी कर रहा है। यह Network सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत स्थापित किया जाएगा। NHAI अपने Network की अतिरिक्त क्षमता को व्यावसायिक इस्‍तेमाल के लिए किराये पर देकर कमाई भी करेगा।

NHAI का OFC Network 1.46 लाख KM के अपने विशाल राजमार्ग Network के साथ लंबाई और चौड़ाई में रेलटेल और पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) के ऑप्टिकल Fiber Network से बड़ा होगा।

सभी नेशनल Highway के साथ-साथ ऑप्टिकल Fiber Network बिछाने में कितना खर्च आएगा, इसकी कोई जानकारी नहीं आई है। लेकिन, अनुमान के अनुसार NHAI को इस पर कम से कम 35000 करोड़ रुयये खर्चेने होंगे।

NHAI की सहायक कंपनी, नेशनल Highway लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) इस परियोजना को क्रियान्वित करेगी। इसके लिए NHLML ने वित्तीय और कानूनी सलाह देने वाले सलाहकारों से दिसंबर तक बोली आमंत्रित की है। OFC Network पर क्षमता आवंटन नीति को दूरसंचार विभाग और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के साथ विचार-विमर्श के बाद तय किया जाएगा।

पहले से चल रहा है काम

फाइनेंशियल एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, NHAI पहले ही देशभर में लगभग 10,000 KM ऑप्टिकल Fiber केबल बिछाने की घोषणा कर चुका है। देश में डिजिटल Highway विकास के लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद बैंगलोर कॉरिडोर को चुना गया है। दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे के 1,367 KM तो हैदराबाद-बैंगलोर कॉरिडोर के 512 KM हिस्‍से पर OFC Network विकसित किया जाएगा।

नए राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के हिस्सों में OFC बिछाने के लिए समर्पित उपयोगिता कॉरिडोर बनाए गए हैं, जो क्षेत्र में 5G Network के रोलआउट की रीढ़ बनेंगे। OFC Network देश के दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के साथ-साथ, 5G और 6G जैसी नई तकनीकों के त्वरित रोलआउट में मदद करेगा।

देश में बढ़ रहा है टोल कलेक्‍शन

भारतीय राजमार्गों पर टोल संग्रह में हाल के वर्षों में तेजी आई है। वित्तीय वर्ष 2018 में टोल कलेक्‍शन 23,000 करोड़ रुपये था जो वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 55,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। टोल प्राप्तियों में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।

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