Indian Railways : क्या ट्रेन चलाने के लिए Driving लाइसेंस होना जरूरी ? यहां जाने रेलवे से जुड़ी बातें
यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने के लिए सही प्लानिंग की जरुरत पड़ती है।
Indian Railways : इंडियन रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। रोजाना लाखों लोग रेल से यात्रा करते हैं। इस रेल नेटवर्क को चलाने के लिए लाखों कर्मचारी काम करते हैं। ट्रेन का संचालन संचालन कोी छोटा काम नहीं है।
यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने के लिए सही प्लानिंग की जरुरत पड़ती है। ऐसे में लोगों के मन में अक्सर सवाल उठता है कि क्या ट्रेन को चलाने के लिए ड्र्राइविंग लाइसेंस की जरुरत पड़ती है।
दरअसल, ट्रेनों का संचालन इंडियन रेलवे की ओर से किया जाता है। ऐसे में जिसे ट्रेन चलाना है। उसकी अनुमति भी रेलवे की ओर से दी जाती है। ट्रेन के लिए आम लाइसेंस की तरह परमिशन नहीं मिलती है। बल्कि रेलवे कुछ लोगों को ही ट्रेन चलाने की अनुमति देता है। जो लोग ट्रेन चलाते हैं। Loco Pilot कहा जाता है।
क्या ट्रेन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की होती है जरूरत?
कार या बस चलाने के लिए लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना पड़ता है। इस तरह हवाई जहाज उड़ाने के लिए पायलट बनना पड़ता है। इसके लिए फ्लाइंग लाइसेंस की जरूरत होती है। लेकिन ट्रेन चलाने के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है।
ट्रेन चलाने वाले Loco Pilot कहा जाता है। इसकी भर्ती रेलवे बोर्ड की ओर से की जाती है। इन लोगों को ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद मंडल यांत्रिक इंजीनियर या मंडल विद्युत इंजीनियर की ओर से एक टेस्ट लिया जाता है। इसमें सफल होने वाले लोगों को कंपेटेंसी सर्टिफिकेट (competency certificate) मिलता है। इस सार्टिफिकेट को हासिल करने के बाद ट्रेन चलाने का मौका मिलता है।
जानिए कैसे बनते हैं Loco Pilot
ट्रेन चलाने के लिए Loco Pilot की नियुक्ति की जाती है। इसके लिए कैंडिडेट्स को लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के दौर से गुजरना होता है। इसके बाद Loco Pilot भर्ती हुए युवाओं को ट्रेनिंग स्कूल भेज दिया जाता है। ट्रेनिंग स्कूल में उन्हें रेल का इंजन चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
पहले चलाना होता है मालगाड़ी
ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग लेने के बाद सहायक पायलट के पद पर नियुक्ति किया जाता है इस दौरान सबसे पहले मालगाड़ी चलाने की अनुमति मिलती है। मालगाड़ी चलाने के बाद सहायक Loco Pilot को पैसेंजर ट्रेन में Loco Pilot की देखरेख में ट्रेन चलाने को दी जाती है। ऐसे में कुछ समय बाद ट्रेन चलाने का अनुभव लेने के बाद उन्हें स्वतंत्र रूप से ट्रेन चलाने की अनुमति मिलती है।