Kumari Shelja: 04 लाख बच्चों के फर्जी दाखिले कर हड़प गए बच्चों का मिड डे मील, छात्रवृति, वर्दी और अन्य फंड

Kumari Shelja: शिक्षक फर्जी, डिग्री फर्जी, परीक्षा फर्जी यहीं है हरियाणा के स्कूलों की पहचान

 

Kumari Shelja: सीबीआई की एफआईआर में शिक्षा मंत्री तक का नाम नहीं, न हुई कोई पूछताछ न की कोई रेड

 

कांग्रेस भाजपा के इस भ्रष्ट शासन को उखाड़ फेंक कर जनता को दिलाएगी भ्रष्टाचार से मुक्ति

 

चंडीगढ़, 30 जून।

Kumari Shelja: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) की नवनिर्वाचित सांसद Kumari Shelja ने कहा कि शिक्षक फर्जी, डिग्री फर्जी, परीक्षा फर्जी यहीं हरियाणा के स्कूलों की पहचान बनकर रह गई है।

स्कूल में विकास के नाम केवल और केवल फर्जीवाड़ा हुआ है जो प्रतिवर्ष अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने में लगा हुआ है। स्कूलों में चार लाख बच्चों का फर्जी एडमिशन कर मिड डे मील, छात्रवृति, वर्दी और अन्य फंड का गबन कर बंदरबाट कर ली।

इसमें कोई दो राय नहीं भाजपा की नीतियां फर्जीवाड़े से शुरू होकर फर्जीवाड़े पर ही खत्म होती हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के इस भ्रष्ट शासन को कांग्रेस उखाड़ फेंककर जनता को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगी।

 

मीडिया को जारी बयान में Kumari Shelja ने कहा है कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2014 से 2016 के बीच 04 लाख फर्जी दाखिले हुए।

विजिलेंस जांच में 12924 स्कूलों में ऐसी गड़बड़ियां सामने आई, सात एफआईआर दर्ज की गई थी, 2019 में हाईकोर्ट ने सीबीआई को तीन माह में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया था पर सीबीआई को इसमें भी चार साल लग गए।

सीबीआई ने अब इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज की है, जिसमें मिड डे मील, छात्रवृति, वर्दी और अन्य फंड के गबन को लेकर कागजात दाखिल किए गए है।

उन्होंने कहा कि जून 2015 में जब शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचर्स को हटाने का नोटिस जारी किया था, इस पर गेस्ट टीचर्स ने कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि स्कूलों में विद्यार्थी घट गए है, कोर्ट ने जब रिकार्ड मांगा तो पता चला कि 22 लाख में से चार लाख दाखिले फर्जी है।

उन्होंने कहा कि विजिलेंस जांच हुई, दो बार एसआईटी गठित कर जांच हुई पर कोई कार्रवाई न हुई। जांच में विजिलेंस का शिक्षा विभाग ने कोई सहयोग नहीं किया, सहयोग न करने वाले और मिड डे मील, छात्रवृति, वर्दी और अन्य फंड का गबन करने वालों पर सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की।

 

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने तीन-तीन एफआईआर दर्ज की उसके बावजूद बीजेपी के नेताओं को, उस समय के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को बचा लिया।

एफआईआर में उनका नाम नहीं डाला, उनसे पूछताछ नहीं गई, उन पर रेड नहीं की गई और न ही इस बात की जांच की गई कि इस करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार में उनका कितना हाथ था।

उन्होंने कहा कि अगर इसमें गैर भाजपा का मंत्री या मुख्यमंत्री का नाम आ रहा होता तो अब तक भाजपा सरकार उसे सलाखों के पीछे डाल देती। पर सीबीआई ने इस घोटाले में भाजपा के किसी नेता, मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

उन्होंने कहा कि जिस दिन प्रदेश की सरकार बदलेगी इनके सारे मामलों की जांच कर बच्चों की शिक्षा के नाम पर गबन और भ्रष्टाचार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

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