Manish Sisodia: 570 दिन बाद खुलकर बोले सिसोदिया: ‘राहुल गांधी को भी हो सकती जेल

Manish Sisodia: 570 दिन बाद खुलकर बोले सिसोदिया: ‘राहुल गांधी को जेल भेज सकती है भाजपा, मिल चुका है नोटिस’, किए और भी खुलासे

Manish Sisodia: इस बार हम पिछले दो चुनावों से ज्यादा मजबूती के साथ जीतने जा रहे हैं।

उन्होंने हमें और हमारे नेताओं को जेल में डालकर हमारा काम आसान कर दिया है।

जनता देख रही है कि केवल सत्ता हासिल करने के लिए एक आगे बढ़ती हुई पार्टी को रोकने के लिए किस-किस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

530 दिन जेल में रहने के बाद भी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री Manish Sisodia के जोश में कोई कमी नहीं आई है।

जेल से छूटने के बाद वह पार्टी की गतिविधियों में तेजी से शामिल हो गए हैं और इस बार के चुनाव में पार्टी को एक बार फिर ऐतिहासिक जीत दिलाना उनका लक्ष्य है।

जेल से बाहर आने के बाद अब उनका लक्ष्य क्या होगा, पार्टी की चुनावी गतिविधियों को वह कैसे आगे बढ़ाने जा रहे हैं, इस पर हमारे संवाददाता अमित शर्मा ने मनीष सिसोदिया से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है वार्ता के प्रमुख अंश-

निश्चित रूप से यह समय मेरे लिए और परिवार के लिए बहुत कष्ट कर रहा है। हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी ऐसी परिस्थिति का भी सामना करना पड़ेगा, लेकिन जब आप राजनीति में हों और ऐसे लोगों के दौर में हों, जहां राजनीतिक बदला लेने के लिए कोई कुछ भी करने पर उतारू हो तो कुछ भी हो सकता है।

यदि आप पहले के मनीष और आज के मनीष में अंतर की बात कर रहे हैं तो यही कह सकता हूं कि आज मैं अपने आपको मानसिक तौर पर कहीं ज्यादा मजबूत पाता हूं।

निश्चित रूप से। अदालती मामलों में मैं टिप्पणी करना उचित नहीं समझता, लेकिन यह तो लोगों की समझ में आ गया है कि यह पूरा मामला बेबुनियाद है।

केवल राजनीतिक प्रतिशोध के कारण नेताओं को जेल में डाला जा रहा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जिस तरह यह पाया है कि बिना चार्जशीट दाखिल किए लोगों को मनमर्जी तरीके से लंबे समय तक जेलों में रखा जा रहा है, वह गलत है।

अदालत ने कहा है कि जमानत नियम है, जेल अपवाद है, लेकिन यहां तो सब उल्टा चल रहा है। भगवान का शुक्र है कि हमारी सांविधानिक व्यवस्था में सर्वोच्च न्यायालय नाम की चीज है, नहीं तो किसी को जेल से बाहर नहीं आने दिया जाता।

दर्शनशास्त्र मेरा विषय नहीं है। इस पर मेरा टिप्पणी करना सही नहीं होगा। मैं जनता का सेवक हूं। आप मुझसे यह पूछें कि बच्चों के लिए अच्छे स्कूल कैसे बनाए जाते हैं, मैं आपको बता सकता हूं।

आप मुझसे अस्पताल और मोहल्ला क्लिनिक बनाने की बात पूछें, मैं बता सकता हूं, लेकिन जहां गीता जैसे महान ग्रंथ की बात हो, उस पर टिप्पणी करने की मेरी कोई औकात नहीं है। हां, अपने अनुभव से इतना अवश्य कह सकता हूं कि गीता आपके जीवन की हर समस्या का समाधान करती है।

जब आप जनता के कार्य करने को अपने जीवन का मिशन बनाते हैं तो आपके लिए पद जैसी चीज बहुत महत्त्वपूर्ण नहीं रह जाती। आप जहां भी होंगे, जिस भूमिका में भी होंगे, जनता की सेवा करते रहेंगे।

मैं वही करने की कोशिश कर रहा हूं। हमारे सामने दिल्ली विधानसभा चुनाव हैं। इसे देखते हुए 14 अगस्त से मैं एक बार फिर से जनता से जुड़ने के अभियान पर निकल रहा हूं। पार्टी या संगठन में मेरी भूमिका क्या होगी, यह पार्टी निर्धारित करेगी।

Manish Sisodia: इस बार की लड़ाई कितनी कठिन होने जा रही है?

आप विश्वास करें, इस बार हम पिछले दो चुनावों से ज्यादा मजबूती के साथ जीतने जा रहे हैं। उन्होंने हमें और हमारे नेताओं को जेल में डालकर हमारा काम आसान कर दिया है। जनता देख रही है कि केवल सत्ता हासिल करने के लिए एक आगे बढ़ती हुई पार्टी को रोकने के लिए किस-किस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

भाजपा को अपनी मनमानी का दंड जनता की अदालत में भुगतना पड़ेगा। जहां तक दिल्ली में सरकार के कामकाज की बात है, आप देख सकते हैं कि पूरी सरकार लगातार काम कर रही है।

Manish Sisodia:  क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बार फिर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कोई संभावना है?

गठबंधन होगा या नहीं होगा, यह बाद का विषय है। मेरा कहना यह है कि जब किसी भी पार्टी के किसी भी नेता को कभी भी जेल में डाला जा रहा है तो लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए सबको साथ मिलकर लड़ना जरूरी हो जाता है। आज मुझे और हेमंत सोरेन को जेल भेजा गया था, कल राहुल गांधी को भी जेल भेज सकते हैं। उन्हें भी नोटिस दे दिया गया है। गठबंधन हो या न हो, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। ज्यादा महत्त्वपूर्ण है कि यह लड़ाई सबको मिलकर लड़नी चाहिए।

इस तरह की कोई संभावना नहीं है। हमें जनता ने पूरे पांच साल सरकार चलाने के लिए मैंडेट दिया है। हम जनता की सेवा पूरे समय तक करेंगे और उसके बाद अपने कार्यों के रिपोर्ट कार्ड के साथ उसके पास जाएंगे। भाजपा तो पहले दिन से यही चाहती है कि सरकार गिर जाए, लेकिन आज तक ऐसी कोई संभावना नहीं बनी। उलटे भाजपा को ही जनता ने लोकसभा चुनावों में बता दिया कि अब उसका समय समाप्त हो गया है।

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