रानियां विधानसभा में पत्रकार से नेता बने सर्वमित्र कंबोज होंगे कांग्रेस के लिए मास्टर स्ट्रोक!

✒️Ld swami

सिरसा जिले में इस बार राजनीतिक हालात काफी बदले हुए नजर आ रहे हैं।

बदले हुए हालातों पर एक नजर डालने से पहले पिछले विधानसभा एवं इस बार के लोकसभा चुनाव का जायजा ले लेते हैं ताकि समझने में आसानी हो। हालांकि 2019 में भाजपा का सिरसा जिले की 5 विधानसभा सीटों में से किसी भी पर खाता नहीं खुला था।

सिरसा विधानसभा से हलोपा के गोपाल कांडा, डबवाली एवं कालांवाली से अमित सिहाग एवं शिशपाल केहरवाला कांग्रेस के विधायक बने थे, तो ऐलनाबाद से इनेलो के अभय चौटाला और रानियां से निर्दलीय रणजीत चौटाला को जीत मिली थी।

2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने भाजपा के अशोक तंवर को करारी शिकस्त दी थी और सभी 9 विधानसभा में अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज की थी-

नरवाना विधानसभा से कांग्रेस को 71428 वोट (49%) एवं भाजपा को 55890 वोट (38.34%) मिले हैं और 15538 (10.66%) वोट से कांग्रेस की जीत हुई है।

टोहाना विधानसभा से कांग्रेस को101572 (61.11%) वोट एवं भाजपा को 53161 (31.99%) वोट मिले हैं और कांग्रेस ने 48411 (29.13%) वोट से जीत हासिल की है।

फतेहाबाद विधानसभा से कांग्रेस को 95519 (53.60%) वोट एवं भाजपा को 72878 (40.90%) वोट मिले हैं और कांग्रेस ने 22641 (12.71%) वोट से जीत हासिल की है।

रतिया विधानसभा से कांग्रेस को 92685 (57.64%) वोट एवं भाजपा को 56353 (35.05%) वोट मिले हैं और कांग्रेस ने 36332 (22.59%) वोट से जीत हासिल की है।

कालांवाली विधानसभा से कांग्रेस को 77618 (58.89%) वोट एवं भाजपा को 35505 (26.94%) वोट मिले हैं और कांग्रेस ने 42113 (31.95%) वोट से जीत हासिल की है।

डबवाली विधानसभा से कांग्रेस को 74035 (50.51%) वोट एवं भाजपा को 39471 (26.93%) वोट मिले हैं और कांग्रेस ने 34564 (23.58%)वोट से जीत हासिल की है।

रानियां विधानसभा से कांग्रेस को 72380 (53.22%) वोट एवं भाजपा को 44719 (32.88%) वोट मिले हैं और कांग्रेस ने 27661 (20.34%) वोट से जीत हासिल की है।

सिरसा विधानसभा से कांग्रेस को 72399 (51.09%) वोट एवं भाजपा को 59049 (41.67%)वोट मिले हैं और कांग्रेस ने 13350 (9.42%) वोट से जीत हासिल की है।

ऐलनाबाद विधानसभा से कांग्रेस को 74662 (51.52%) वोट एवं भाजपा को 47446 (32.74%) वोट मिले हैं और कांग्रेस ने 27216 (18.78%) वोट से जीत हासिल की है।

2019 के रानियां विधानसभा चुनाव में रणजीत चौटाला भले ही निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे परंतु उन्हें इनेलो की तरफ से खुला समर्थन मिला हुआ था। उन्हें 53825 (37.84%) वोट मिले थे और हलोपा के गोविंद कांडा को 34394 (23.95%) वोट मिले थे। तीसरे स्थान पर भाजपा के रामचंद कंबोज को 20709 (14.42%) वोट एवं इनेलो के अशोक वर्मा को 9753 (6.79%) वोट तथा कांग्रेस के विनीत कंबोज को 8979 (6.25%) वोट मिले थे।

अतीत और वर्तमान के मूल्यांकन के आधार पर इतना तय लग रहा है कि यहां से कांग्रेस, भाजपा एवं इनेलो के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। भले ही इनेलो का लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है। फिर भी सिरसा जिले में इनेलो काफी अच्छी स्थिति में है। खासकर ऐलनाबाद, डबवाली एवं रानियां में इनेलो का अभी काफी जनाधार है। बिजली मंत्री रणजीत चौटाला को रानियां को छोड़कर हिसार लोकसभा से चुनाव लड़ना भी उनके लिए भारी पड़ने वाला है। ऐसे में कांग्रेस को यहां से एक साफ छवि का प्रत्याशी चाहिए था जो चौटाला परिवार की लिगेसी के खिलाफ खुलकर बोल सके और किसी भी दबाव में मैनेज भी न हो।

जब ‘द मसला’ के संपादक सर्वमित्र कंबोज ने रानियां विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। तभी यह अहसास हो गया था कि रानियां विधानसभा से कांग्रेस के लिए सही प्रत्याशी मैदान में आ गया है क्योंकि कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी यहां जनता के बीच सक्रिय नहीं है। हालांकि पिछले कुछ साल से अभय चौटाला के बड़े बेटे कर्ण चौटाला के भी यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। सर्वमित्र के मैदान आने के बाद हो सकता है कि इनेलो अब किसी सिख प्रत्याशी पर दांव लगाए।

जातिगत समीकरणों के हिसाब से रानियां विधानसभा में जाट-17.3%, जट्ट सिख-12.7%, कंबोज-14.3%, हरिजन-6.2% एवं बावरिया-3.9% हैं। दूसरी तरफ पंजाबी-6.2%, कुम्हार-9%, मजहबी सिख-3.9% एवं वाल्मीकि-3.6% हैं।

रानियां विधानसभा में 2009 में कृष्ण कंबोज, 2014 में रामचंद्र कंबोज इनेलो से और 2019 में निर्दलीय रणजीत चौटाला चुनाव जीते हैं। हां, इतना जरूर तय है कि अब रानियां में मुकाबला त्रिकोणीय होने की पूरी संभावना है और जो ज्यादा अच्छे तरीके से चुनाव लड़ेगा, जीत उसी की होगी। सर्वमित्र के चुनावी मैदान में आने के बाद तिकोने मुकाबले में जीतने की पूरी संभावना है।

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