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Richest Wrestler: विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया में कौन है सबसे ज्यादा अमीर

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Richest Wrestler: विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया में कौन है सबसे ज्यादा अमीर

Richest Wrestler: फोर्ब्स की लिस्ट में शामिल बजरंग पूनिया का नाम

 

Richest Wrestler: साल 2019 में फोर्ब्स की लिस्ट में बजरंग पूनिया का नाम शामिल था। तब तक वह ओलंपिक मेडलिस्ट भी नहीं बने थे। लिस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक वह हर साल 2.5 करोड़ रुपए कमाते थे। साल 2021 में टोक्यो में मेडल जीतने के बाद बजरंग की कमाई में भी इजाफा हुआ। टोक्यो में मेडल जीतने के बाद उन्हें हरियाणा सरकार की तरफ से, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और रेसलिंग फेडरशन की ओर से करोड़ों की इनामी राशि मिली थी। उन्हें कुछ इनामी राशि भी मिली।

Richest Wrestler: बजरंग पूनिया करोड़ों के मालिक

टोक्यो में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले बजरंग पूनिया की कुल नेटवर्थ लगभग 15 करोड़ रुपए है। बजरंग पूनिया की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा पहलवानी से ही आता है। मेडल्स के साथ-साथ उन्हें टूर्नामेंट्स जीतने पर राशि भी मिलती है। उन्हें सरकार और फेडरेशंस की तरफ से भी काफी पैसा मिलता है। साल 2018 में रेसलिंग फेडरेशन के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में वह ए ग्रेड में थे। ए ग्रेड के खिलाड़ियों को सालाना 30 लाख रुपए दिए जाते थे।

Richest Wrestler: विनेश फोगाट के पास भी काफी संपत्ति

विनेश फोगाट तीन बार की कॉमनवेल्थ चैंपियन हैं। माय खेल डॉट कॉम के मुताबिक विनेश फोगाट की कुल नेटवर्थ 36.5 करोड़ रुपये है। उनकी आय उनके कुश्ती करियर, ब्रांड एंडोर्समेंट और युवा मामले और खेल मंत्रालय से मिलने वाले वेतन से होती है। फोगाट को खेल मंत्रालय की तरफ से से हर महीने लगभग 50,000 रुपये मिलते हैं। वह एक साल में लगभग छह लाख रुपए कमाती हैं। इसके अलावा रेलवे में सरकारी नौकरी से भी विनेश को वेतन मिलता है। विनेश फोगाट ब्रांड्स की दुनिया में भी एक बड़ा नाम हैं।

Richest Wrestler: साक्षी मलिक भी कमाई में नहीं हैं पीछे

कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की इकलौती महिला रेसलर ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक की नेट वर्थ करीब 40 करोड़ रुपये है। साक्षी ने 2016 रियो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। भारत को उस ओलंपिक में केवल दो ही मेडल हासिल हुए थे। इसके बाद 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में साक्षी ने वापसी करते हुए गोल्ड जीता था। साक्षी पहले फेडरेशन की ग्रेड बी में शामिल थीं, जो 20 लाख रुपये का करार था, मगर दो साल पहले उन्‍हें सेंट्रल कॉन्‍ट्रेक्‍ट से बाहर कर दिया गया था।    
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