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सरकारी नौकरियों में हरियाणा के युवाओं के हक पर डाका डाल रही है भाजपा - सुरजेवाला

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 जबसे भाजपा प्रदेश की सत्ता में आई है, हरियाणा की नौकरियां बाहरियों को बांट रही है - रणदीप 
हरियाणा के मेधावी युवा विदेशों में मजदूरी को मजबूर पर बाहरियों को अफसर बना रही भाजपा सरकार हरियाणा में हरियाणवियों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने में जुटी है - सुरजेवाला 
 भाजपा सरकार द्वारा एक सोची समझी रणनीति के अनुसार अफसरों के 60-70% पदों पर बाहरी उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता (सिविल) की भर्ती में सामान्य वर्ग के 49 पदों में से 28 पदों पर हरियाणा से बाहर के उम्मीदवारों के चयन को लेकर हरियाणा सरकार पर जमकर बरसे। 
सुरजेवाला ने कहा कि 2014 में बड़े बड़े झूठे वायदे करके शासन में आई भाजपा लगातार हरियाणा के युवाओं से धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि खट्टर साहब के शासनकाल से लेकर नायब सैनी की ताजपोशी तक, हरियाणा में एक कहावत चली आ रही है कि “अफसर बाहर के और चपड़ासी म्हारे”। 
म्हारे पढ़े-लिखे मेधावी बच्चे विदेशों में जाकर मजदूरी करने को मजबूर हैं और बाहरी राज्यों के युवाओं को हमारे ऊपर राज करने के लिए लाया जा रहा है। हरियाणा में हरियाणवियों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जाना भाजपा की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। भाजपा के रणनीतिकार बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि सत्ता विरोधी लहर, झूठे वायदों और सांप्रदायिक सियासत के सहारे भाजपा हरियाणा की सत्ता तो बचा ली गई लेकिन, हरियाणा का किसान, मजदूर, दलित भाजपा की समाज को तोड़ने वाली पाखंडपूर्ण राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगा इसलिए भाजपा हरियाणा के जनसांख्यिकी परिवर्तन की बड़ी रणनीति पर काम कर रही है। रणदीप ने कहा कि एक तरफ हमारे युवाओं को मजबूर किया जा रहा है कि वो बेरोज़गारी और गरीबी से तंग आकर विदेशों में पलायन कर जाएं, दूसरी तरफ प्रदेश के रोजगारों और संसाधनों को प्रदेश से बाहर के लोगों को सौंपा जा रहा है। 
सुरजेवाला ने एचपीएससी पर हमला करते हुए कहा कि “हेराफेरी सर्विस कमीशन” के माध्यम से प्रदेश में की जा रही अफसरों की हर भर्ती में इसी रणनीति के अनुसार 60-70% पदों पर हरियाणा से बाहर के उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है। 
 हाल ही में सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता (सिविल) की भर्ती की लिस्ट जारी हुई है इस भर्ती में सामान्य वर्ग के 49 पदों में से 28 पदों पर बाहरी उम्मीदवारों का चयन किया गया है।
 प्रदेश में 10 साल बाद हुई एएमओ की भर्ती में सामान्य वर्ग के 427 पदों में से 394 पदों की लिस्ट जारी की गई उसमें से 75% पदों पर बाहरी उम्मीदवारों का चयन किया गया है। 
 यही हाल सिविल जज की भर्ती में रहा। उन्होंने कहा कि सिविल जज के 110 पदों में से 60 पदों पर बाहरी उम्मीदवारों को जज लगाया गया है।
 तकनीकी शिक्षा विभाग में प्राध्यापकों के सामान्य वर्ग के 153 में से 106 पदों पर बाहरियों का चयन किया गया।
 HCS की हर भर्ती में 40% से अधिक बाहरी उम्मीदवारों का चयन किया गया है। 
ये तो मात्र कुछ उदाहरण हैं लेकिन, प्रदेश की हर भर्ती में यही पैटर्न चल रहा है। रणदीप ने कहा कि भाजपा सरकार के कुकर्मों से प्रदेश का हर वर्ग का युवा परेशान है। प्रदेश के युवाओं का दमन करने के उद्देश्य से एचपीएससी की अधिकतर भर्तियों में आरक्षित पदों पर हरियाणा के आरक्षित वर्गों के युवाओं को सब्जेक्टिव पेपर में जानबूझकर फेल किया जा रहा है और सामान्य वर्ग की सीटों पर बाहरी उम्मीदवारों को भर्ती किया जा रहा है। सुरजेवाला ने कहा कि सैनी साहब के बॉस और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के लोगों को कंधे से ऊपर कमजोर मानते आए हैं और वो जनता को लगातार साढे नौ साल तक इसका अहसास करवाते रहे।खट्टर साहब सहित तमाम भाजपाई आम हरियाणवी विशेषकर ग्रामीण जनता से पता नही क्या खीझ रखते हैं जो इन्हें धीरे-धीरे सभी अच्छे रोजगारों से वंचित करते जा रहे हैं? 
मुख्यमंत्री नायब सैनी हों या इनके रिमोट कंट्रोलर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हों, इन्होंने खुद के अधिकतर सलाहकार, ओएसडी, बोर्ड-कॉर्पोरेशन के चेयरमैन तो बाहरी लगाए ही रखे, अब तो चपड़ासी को छोड़कर शेष अधिकांश कर्मचारी भी धीरे-धीरे बाहरी भरे जा रहे हैं। सभी महत्वपूर्ण पदों पर बाहरी उम्मीदवारों का चयन किया जा रहा है और लोगों को मूर्ख बनाने के लिए हर 2-4 साल के बाद ग्रुप डी की भर्ती के माध्यम से हजार -दो हजार चपड़ासी चौकीदार जैसे पदों पर हजार -दो हजार हरियाणवी युवा लगाकर बिना पर्ची, बिना खर्ची का पाखंड रच दिया जाता है।
 सुरजेवाला ने आरक्षित वर्गों के युवाओं को सावधान करते हुए कहा कि केवल सामान्य वर्ग के हरियाणवियों का ही रोजगार खतरे में हो ऐसा नहीं है। भाजपा ने बाहरियों को हरियाणा में सेट करने और हरियाणा में हरियाणवियों को अल्पसंख्यक बनाने के उद्देश्य से नियमों में बदलाव करते हुए हरियाणा के निवासी होने के प्रमाण पत्र के लिए समय सीमा 10 साल से घटाकर 5 साल कर दी। यही कारण है कि एनसीआर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दूसरे प्रदेशों से आए हुए परिवार अब हरियाणा का डोमिसाइल सर्टिफिकेट बनवाकर उन आरक्षित पदों पर भी दावा करने लगे हैं जो पहले केवल हरियाणा के दलित - पिछड़ों के लिए आरक्षित होते थे। 
हरियाणा के युवाओं के रोजगार और अधिकार बचाने की इस जंग में कांग्रेस पार्टी हमारे युवा साथियों के साथ खड़ी है। एक राजनैतिक दल के रूप में हम पिछले 10 वर्षों से इस मुद्दे पर संघर्ष करते आ रहे हैं और अगर नायब सिंह सरकार ने हरियाणा के युवाओं के हकों पर डाका डालना बंद नहीं किया तो कांग्रेस पार्टी का हर कार्यकर्ता सड़क से सदन तक संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा।
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