Bihar News : बिहार में हाईवे और एक्सप्रेसवे के नेटवर्क को बढ़ाया जा रहा है। बिहार में कई एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं जिससे 20 से ज्यादा जिलों की सूरत बदलने वाली है। आज हम आपको ऐसे तीन एक्सप्रेसवे के बारे में बताएंगे जो बिहार समते उत्तर भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
Varanasi Kolkata Expressways
भारत सरकार वाराणसी को कोलकाता से जोड़ने वाली है। जिसका एक बड़ा हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा। 610 KM लंबे इस एक्सप्रेसवे को बनाने में 35000 करोड़ रुपए लगने वाले हैं। इसे 2026 या फिर 27 तक पूरा करने की उम्मीद है। बिहार में इस एक्सप्रेसवे का करीब 187 KM का हिस्सा पड़ने वाला है जिसमें कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास और गया जिला शामिल है।
Haldia Raxaul Expressway
एक एक्सप्रेसवे के जरिए बिहार के रक्सौल जिले को बंगाल के हल्दिया से जोड़ा जा रहा है। इसकी लंबाई तकरीबन 650 KM होगी और इसे बिहार के 9 जिलों से होकर गुजारा जाएगा। इन 9 जिलों में बांका, जमुई, शेखपुरा, नालंदा, पटना, सारण, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और पश्चिम चंपारण शामिल है।
Gorakhpur से Siliguri तक का Expressway
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से एक एक्सप्रेसवे के जरिए जोड़ा जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे का भी बहुत बड़ा हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा। इससे 10 जिलों को जोड़ा जाएगा जिसमें गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, मोतिहारी, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज, अररिया और किशनगंज शामिल है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 519 KM की होने वाली है जिसमें से 416 KM लंबा हिस्सा बिहार से निकलेगा। इसकी कुल लागत 25000 करोड रुपए के आसपास है इसे 2025 में ही पूरा कर लिया जाएगा।
ये होगा फायदा
इन तीनों एक्सप्रेसवे के बनने से बिहार के रियल स्टेट को काफी ज्यादा फायदा होने वाला है। हाईवे बनते ही इसके आसपास की जमीन की कीमतें काफी बढ़ जाएगी। इसके अलावा जिन-जिन जिलों में घूमने लायक चीज हैं वहां होटल और कई अन्य चीजों का निर्माण होगा जो रोजगार उत्पन्न कर सकता है। यह सभी विकास की चीज़ें भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी।