UPSC CSE Result: कोमल गर्ग ने UPSC की परीक्षा पास करके पूरे देश में सिरसा का नाम रोशन किया
UPSC CSE Result : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC ) ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। परीक्षा में आदित्य श्रीवास्तव ने टॉप किया है। इसमें हरियाणा के होनहार छा गए हैं। वहीं तोशाम के भावेश ख्यालियां ने 46वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने यह उपलब्धि दूसरे प्रयास में प्राप्त की है। पहले प्रयास में उन्होंने
UPSC CSE Result की परीक्षा में 280वां रैंक हासिल किया था, लेकिन परिणाम से संतुष्ट नहीं हुए और दूसरे प्रयास में 46वीं रैंक के साथ UPSC CSE Result की परीक्षा पास कर ली। वहीं बहादुरगढ़ क्षेत्र के खरहर गांव निवासी शिवांश राठी का भी नाम है। शिवांश ने यूपीएससी की परीक्षा में 63वीं रैंक हांसिल कर जिले और प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। वहीं सिरसा की कोमल गर्ग का 221 वां रैंक रहा है। चरखी दादरी के तरूण पाहवा की 231 वीं रेंक आई है। उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की बेटी कुहू ने 178 वी रैंक हासिल की है।
UPSC CSE Result UPSC CSE Result: सिरसा से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी डॉ. अशोक तंवर ने सिरसा की बेटी कोमल गर्ग कों UPSC की परीक्षा में 221वाँ रैंक प्राप्त करने पर फ़ोन पर बधाई दी बोले तंवर, कोमल गर्ग ने UPSC की परीक्षा पास करके पूरे देश में सिरसा का नाम रोशन किया आज पूरे देश कों कोमल गर्ग पर मान : अशोक तंवर अशोक तंवर ने कोमल गर्ग के पिता संजय गर्ग सहित परिवार के अन्य सदस्यों कों भी बधाई दी आज देर शाम कोमल गर्ग कों बधाई देने उनके अग्रसैन कालोनी आवास पर पहुंचेगे अशोक तंवर
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पतंजलि विज्ञापन मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल तक टाल दी है.
Patanjali Ayurveda मंगलवार को सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रामदेव सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगने के लिए तैयार हैं. जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि अदालत जानना चाहती है कि रामदेव और बालकृष्ण को क्या कहना है. उन्होंने दोनों को आगे आने के लिए कहा. इस बीच कुछ देर के लिए ऑडियो में दिक्कत आ गई. कोर्ट ने ऑडियो में आई दिक्कत के बारे में कहा कि यह न समझा जाए कि हमने कोई बात सेंसर की है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई को 23 अप्रैल के लिए टाल दिया. अगली सुनवाई में भी योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण को कोर्ट में मौजूद रहना होगा. मंगलवार को अदालत ने कहा कि चूंकि पिछली सुनवाई के दौरान राज्य की लाइसेंसिंग अथॉरिटी को अपना पक्ष रखने दिया गया था, ऐसे में रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को भी ऐसा मौक़ा दिया जाएगा. बेंच ने कहा, "आपकी बहुत गरिमा है. आपने योग के लिए बहुत कुछ किया है पर क्या वो काफ़ी है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद आपने जो किया, उसके लिए हम आपको माफ़ कर दें? आपने क्या सोचा कि अगले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और अख़बारों में विज्ञापन देंगे?" इसके बाद रामदेव ने कहा, “हमारी मंशा किसी के अपमान की नहीं थी. हमने आयुर्वेद में पहली बार 5000 से ज़्यादा रीसर्च किए हैं, आयुर्वेद को साक्ष्य आधारित दवा बनाने का सबसे बड़ा प्रयास किया है.” इसके बाद कोर्ट ने रामदेव से पूछा कि उन्हें एलोपैथिक दवाइयों की निंदा करने की क्यों ज़रूरत पड़ी. कोर्ट ने कहा, "अगर आपकी दवाएं काम करती हैं तो आपको उनके लिए मंज़ूरी लेने के लिए संबंधित अथॉरिटी के पास जाना चाहिए था. प्रेस में जाना ग़ैर-ज़िम्मेदाराना हरकत है." योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हम इसका ध्यान रखेंगे. रामदेव ने कहा, “मैं आज से जागरूक रहूंगा. इस तरह की बातें हों, ये मेरे लिए अशोभनीय है. उत्साह में ऐसा हो गया.” आचार्य बालकृष्ण ने कहा, “आयुर्वेद को सैकड़ों सालों से अवैज्ञानिक कहा जाता है, इसलिए हमने उत्साह में ऐसा कर दिया.” जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा, “आप अपना काम कीजिए लेकिन आप एलोपैथी का अनादर नहीं कर सकते.” इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वे ऐसा नहीं कह रहे कि पतंजलि को ऐसे ही छोड़ देंगे मगर इस मामले में बाद में कोई फ़ैसला लिया जाएगा. जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, “इतनी मासूमियत कोर्ट में नहीं चलती. हमने ये नहीं कहा कि आपको माफ़ी देंगे. आपके इतिहास को हम अनदेखा नहीं कर सकते." उन्होंने कहा कि पतंजलि ये सब तभी कर रहा है, जब कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण की बिना शर्त माफ़ी वाले हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. कोर्ट का कहना था कि इन दोनों ने 'ग़लती पकड़े जाने के बाद' माफ़ी मांगी है. रामदेव और बालकृष्ण ने ये माफ़ीनामा पतंजलि की ओर से 'गुमराह करने वाले' विज्ञापनों को जारी करने के मामले पर दायर किया था.