सिरसा: क्या गुटबाजी की चुनौती से निपट पाएगी कॉंग्रेस प्रत्याशी कुमारी शैलजा
सिरसा, 19 लाख 24 हजार मतदाताओं पर आधारित सिरसा संसदीय सीट पर इस बार कांग्रेस के लिए गुटबाजी बड़ा संकट बन गई है। कुमारी सैलजा के टिकट घोषित होने के बाद ही कांगे्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गए है। सिरसा संसदीय क्षेत्र में फतेहाबाद के पूर्व विधायक प्रह्लाद सिंह, कुलबीर बेनीवाल, विनीत पुनिया, वीरेंद्र सिवाच, रतिया में जरनैल सिंह और टोहाना में परमवीर सिंह, रणधीर सिंह, कृष्ण नागली ने पूरी तरह से दूरी बनाई हुई है। ये सभी हुड्डा खेमे से आते हैं। इसी तरह से सैलजा की उम्मीदवारी तय होने के बाद शनिवार को पूर्व सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी, वीरभान मेहता, संदीप नेहरा और नवीन केडिया आदि नेताओं ने पत्रकार वार्ता की। हुड्डा गुट के नेताओं ने इस पूरी सांझ से दूरी बना ली। कांग्रेस के कालांवाली से विधायक शीशपाल केहरवाला, पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह, डबवाली के विधायक अमित सिहाग, पूर्व चेयरमैन अमीर चावला, राजकुमार शर्मा सहित यहां के कांग्रेस दिग्गजों ने सैलजा की उम्मीदवारी पर ही एक तरह से प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। जगजाहिर है कि कांग्रेस की जूतियों में दाल बंटती है और उसकी जूतम पैजार के जनता अक्सर चटखारे लेती रही है और इस बार मामला और ज्यादा दिलचस्प है। लंबे इंतजार के बाद जब कांग्रेस की टिकट फाइनल हुई तो आपस में ही मामला खटाई में पड़ गया। अपनी ही पार्टी की उम्मीदवार के प्रति ऐसी अदावत हुई कि शायद कुमारी सैलजा को भी अचरज हो गया होगा।