home page

सीएम खट्टर किराये के घर मे किया गृह प्रवेश, नारियल फोड़कर की एंट्री

 | 
सीएम खट्टर किराये के घर मे किया गृह प्रवेश, नारियल फोड़कर की एंट्री

सीएम खट्टर: किराए के घर में मनोहर लाल ने किया गृह प्रवेश?

  सीएम खट्टर किराये के घर मे किया गृह प्रवेश, नारियल फोड़कर की एंट्री सीएम खट्टर   सीएम खट्टर: देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दलों के उम्मीदवार चुनकर दिल्ली जाने के लिए जनता के दिलो दिमाग में पैठ बनाने के लिए मैदान में उत्तर चुके हैं।   कुछ लोगों का टिकट कंफर्म है तो कुछ लोग वेटिंग में है। देश की अलग अलग लोकसभाओं की तरह ही एक लोकसभा है। करनाल जिसे कर्ण नगरी भी कहा जाता है।   यहां से कई राजनीतिक सूरमा अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। अब इस फेहरिस्त में पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल और केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का नाम जुड़ चुका है।   भाजपा ने प्रदेश के 2 बार मुख्यमंत्री पद पर रहे सीएम खट्टर को करनाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल ने अपना पैतृक आवास जो उनके हिस्से में आया था उसे बीते कुछ दिन पहले लाइब्रेरी के लिए दान दे दिया था।   पूर्व सीएम खट्टर ने पद छोड़ने के बाद उन्हें सीएम आवास छोड़ना पड़ा। जिसके बाद उनके पास कोई घर नहीं बचा। अब उन्होंने करनाल में एक किराए का घर ले लिया है। वर्तमान समय में 2 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास अपना खुद का घर न हो ऐसा कम ही देखने को मिलता है।   सीएम खट्टर ने करनाल के सेक्टर 6 में स्थित अपने किराए के मकान में प्रवेश किया। इस दरौान मनोहर लाल ने गृह प्रवेश की रस्म भी काफी सादगी के साथ निभाई। उन्होंने अपन घर के सामने एक नारियल फोड़ एंट्री की। इस दौरान उनके साथ कई भाजपा नेता मौजूद रहे।   Also Read: Election 2024: उम्मीदवारों को रैली व रोड शो के लिए लेनी होगी परमिशन?   हालांकि मीडिया को गृह प्रवेश के दौरान दूर रखा गया। इस घर में सीसीटीवी लग चुके हैं, वाईफाई लगवाया जा रहा है। चुनाव को लेकर रणनीति करनाल के कर्ण कमल और इसी घर में बनेगी।    

Breaking news

बुढ़ापा पेंशन में आयु सत्यापन के लिये जरूरी दस्तावेज 1. 10th का प्रमाण पत्र। 2. स्कूल छोडने का प्रमाण पत्र (हाजिरी रजिस्ट्री के साथ)। 3. 2017 से पहले का वोटर कार्ड। यदि नया वोटर कार्ड बना हुआ है तो 2017 से पहले के वोटर कार्ड की नकल निकलवाकर अपलोड़ करवाये। 4. जन्म प्रमाण-पत्र। बैंक/खाता वैरिफाई के लिये दिशा-निर्देश। 1. बैंक खाते की KYC/DBT होनी चाहिये। 2. बैंक खाता Primary Account होना चाहिये। 3. बैंक खाते में नाम आधार/पैंन कार्ड के अनुसार होना चाहिये। 4. बैंक खाता में पिछले दो महिने में लेन-देन होना चाहिये। 5. आधार कार्ड पेन कार्ड आपस मे लिंक होने चाहिए।    

Breaking news

  गांव आसाखेड़ा के पास खेजड़ी का पेड़ काटने के मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने से बिश्नोई समाज की भावनाएं आहत सीएम खट्टर किराये के घर मे किया गृह प्रवेश, नारियल फोड़कर की एंट्री गांव आसाखेड़ा रोड़ पर अज्ञात लोगों द्वारा खेजड़ी का एक पेड़ जड़ से उखाडने/काटने के मामले में तीन सप्ताह का समय बीत जाने के बाद में ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से बिश्नोई समाज के लोगों में रोष है। बिश्नोई सभा डबवाली के सचिव इंद्रजीत बिश्नोई ने बताया कि हरे पेड़ को काटने की यह घटना गत 1 मार्च की है।   जंडवाला बिश्नोईया के निवासी राजेन्द्र कुमार धतरवाल ने सबसे पहले सड़क किनारे पड़ा कटा हुआ पेड़ देखा था व इसके बाद एकजुट हुए बिश्नोई समाज के लोगों ने वन विभाग के अधिकारी रणजीत कुमार को सूचित किया था।   विभाग ने इस मामले में आरोपी को नामजद करते हुए वन अपराध के तहत चालान काट दिया। लेकिन तब से लेकर आज तक मामले में कोई भी आगामी कार्रवाई आरोपी के खिलाफ नहीं की गई है जिससे बिश्नोई समाज के लोगों की भावनाएं आहत हैं।   उन्होंने समस्त बिश्नोई समाज डबवाली की ओर से प्रशासन से अनुरोध किया है कि खेजड़ी के हरे पेड़ को काटने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।   उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज सदियों से पर्यावरण संरक्षण के लिए श्री गुरू जम्भेश्वर भगवान द्वारा बताए नियम संख्या 19- हरा वृक्ष नहीं काटना चाहिए, को मानते हुए पेड़ों की रक्षा करता आया है। पेड़ों से हमें प्राण वायु मिलती है। पेड़ हमें बहुत कुछ देते हैं और हमसे लेते कुछ भी नहीं है।   इंद्रजीत बिश्नोई ने कहा कि विक्रमी संवत 1730 में जोधपुर के पास खेजड़ली गांव में हरे पेड़ों की रक्षार्थ मां अमृतादेवी बिश्नोई सहित 363 नर नारियों ने सिर सांटे रूख बचे, तो भी सस्तो जाण अर्थात अगर जान देकर पेड़ बचता है तो भी यह सौदा सस्ता है, कहते हुए अपनी जान की कुर्बानी दे दी थी। पेड़ों को बचाने के लिए किए गए इतने बड़े बलिदान का उदाहरण विश्व में कहीं भी नहीं मिलता।   बिश्नोई समाज को हरे पेड़ जान से भी प्यारे होते हैं इसलिए पेड़ को जड़ से उखाड़ने/काटने के कृत्य को बिश्नोई समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता।
WhatsApp Group Join Now
WhatsApp channel Join Now

Around the web