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सोनिया गाँधी: लोकसभा सदस्यता समाप्ति के बाद क्या?

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सोनिया गाँधी: लोकसभा सदस्यता समाप्ति के बाद क्या?

सोनिया गाँधी: लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 69(1) अनुसार मौजूदा लोकसभा सांसद के राज्यसभा में चुने जाने के दिन से ही समाप्त हो जाती है लोकसभा सदस्यता

    सोनिया गाँधी: 20 फरवरी से 3 अप्रैल तक सोनिया गाँधी किसी भी सदन की सदस्य नहीं, 4 अप्रैल से प्रारंभ होगी राज्यसभा सदस्यता सोनिया गाँधी: लोकसभा सदस्यता समाप्ति के बाद क्या?   सोनिया गाँधी, चंडीगढ़ -- आज से एक माह पूर्व 20 फरवरी 2024 को वर्तमान 17वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश की रायबरेली संसदीय सीट से सांसद सोनिया गांधी को कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर राजस्थान प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया.   चूँकि राज्यसभा के लिए चुने जाने बावजूद इसी माह मार्च के आरंभ तक लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर सोनिया गांधी को वर्तमान 17वीं लोकसभा के मौजूदा कांग्रेस सांसद के तौर में दर्शाया जा रहा था जिस कारण पंजाब एवं हरियाणा एडवोकेट और चुनावी मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने 7 मार्च को सर्वप्रथम एक ऑनलाइन याचिका दायर कर राज्यसभा में चुने जाने बावजूद सोनिया गाँधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त न किये जाने के सम्बन्ध में जानकारी मांगी.   उन्होंने साथ साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी और लोकसभा सचिवालय के सेक्रेटरी जनरल को लिखकर सोनिया गांधी की मौजूदा 17वीं लोकसभा की सदस्यता 20 फरवरी 2024 से समाप्त करने संबंधी सार्वजनिक घोषणा और गजट अधिसूचना जारी करने बारे भी लिखा.   बहरहाल, आज सुबह जब हेमंत ने लोकसभा की वेबसाइट का अवलोकन किया, तो उन्होंने देखा कि सोनिया गाँधी को अब वर्तमान की बजाय 17वीं लोकसभा की पूर्व सांसद के तौर पर दर्शाया जा रहा है.   एवं उनके प्रोफाइल में यह उल्लेख किया गया है कि राज्यसभा में निर्वाचित होने के फलस्वरूप सोनिया गाँधी की लोकसभा सदस्यता 20 फरवरी 2024 से समाप्त हो गई है. हालांकि अब तक इस सम्बन्ध में लोकसभा सचिवालय द्वारा गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित की जानी लंबित है.   बहरहाल, हेमंत ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपी एक्ट), 1951 की धारा 69(1) का हवाला देते हुए बताया कि उसमें स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि यदि कोई व्यक्ति जो पहले से ही लोकसभा का सदस्य है और ऐसी सदस्यता के दौरान उसे राज्यसभा का सदस्य चुन लिया जाता है, तो लोकसभा में उस व्यक्ति की सीट उसके राज्यसभा सदस्य चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाएगी.   इसलिए जिस तारीख को सोनिया गांधी को राजस्थान राज्य से राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया था अर्थात 20 फरवरी 2024 से, उसी दिन से वह वर्तमान 17वीं लोकसभा की सदस्य नहीं हैं. .   इस संबंध में एडवोकेट हेमंत ने दो पूर्व उदाहरण भी दिए. जनवरी, 2014 में तत्कालीन डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार में दो कैबिनेट मंत्रियों -- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार (माधा, महाराष्ट्र से तत्कालीन लोकसभा सांसद) और कांग्रेस की कुमारी शैलजा (अंबाला, हरियाणा से तत्कालीन लोकसभा सांसद) को 31 जनवरी 2014 को क्रमशः महाराष्ट्र और हरियाणा राज्यों से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था.   उन दोनों की 31 जनवरी 2014 से ही तत्कालीन 15वीं लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गयी थी, हालांकि राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल 3 अप्रैल 2014 (पवार के मामले में) और 10 अप्रैल 2014 (शैलजा के मामले में) से आरम्भ होना था.   Also Read: Cyber Crime: फ्रॉड का नया तरीका, वॉइस क्लोनिंग के जरिए लोगों से पैसे वसूल रहे साइबर ठग   हेमंत ने आगे कहा कि राजस्थान राज्य से राज्यसभा सांसद के रूप में सोनिया गाँधी का 6 वर्षों का कार्यकाल 4 अप्रैल 2024 से आरम्भ होगा. केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विधायी विभाग द्वारा 4 अप्रैल 2024 को ही सोनिया के राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने सम्बन्धी आवश्यक वैधानिक घोषणा के साथ साथ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 71 में वांछित नोटिफिकेशन को भारत सरकार के राजपत्र ( गजट) में प्रकाशित किया जाएगा जिस दिन से उनका राज्यसभा कार्यकाल आरंभ होगा.   इसलिए 20 फरवरी 2024 से 3 अप्रैल 2024 के बीच की अवधि के लिए, सोनिया गांधी संसद के किसी भी सदन की सदस्य नहीं है.
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