Haryana : हरियाणा की ये ऐतिहासिक जगहें पूरी दुनिया में फेमस, स्वर्ग से नहीं कम

यहां कई ऐतिहासिक जगहें हैं जो इतिहास प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

Haryana : हरियाणा अपनी संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है। हरियाणा के कई शहर ऐसे हैं जिन्में दिलचप्स कहानियां सिमटी हुई है। अगर आप भी हिस्टोरिकल जगहों पर घूमने के शौकीन है तो हिसार जैसे शहरों में विजिट कर सकते हैं। यहां कई ऐतिहासिक जगहें हैं जो इतिहास प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

गुजरी महल

यह महल हिसार जिले में स्थित है। इस महल को 14वीं शताब्दी में फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया गया था। यह महल अपनी भव्य वास्तुकला और सुंदर बगीचों के लिए जाना जाता है। पुराने इमारतों से प्रेम करने वाले लोगों के लिए बहुत अच्छी जगह है।

राय बाल मुकुंद दास का छत्ता

यह जगह हरियाणा और राजस्थान के बीच में महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में स्थित है। इसको बीरबल का छत्ता के नाम से भी जाना जाता है। इस ऐतिहासिक स्मारक को शाहजहां के शासनकाल के दौरान नारनौल के दिव्य राय मुकुंद दास ने बनवाया था। यह स्मारक नारनौल के मुगल ऐतिहासिक स्मारकों में से है। इमारत के अंदर से पानी की निकासी फव्वारे की व्यवस्था और भूमिगत मंजिल में प्रकाश देखी जा सकती है।

शेख चिल्ली का मकबरा

शेख चिल्ली का मकबरा भारत के हरियाणा राज्य में कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर शहर में स्थित है। यह मकबरा अपनी अनोखी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह एक मकबरे की तुलना में एक महल की तरह दिखता है। मकबरे के चारों तरफ बगीचे और फव्वारे हैं। यह मकबरा सूफी संत शेख चिल्ली की स्मृति में बनाया गया था। शेख चिल्ली अपनी विनोद भावना और चतुराई के लिए जाने जाते थे।

राजा हर्ष का टीला

राजा हर्ष का टीला, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित एक प्राचीन टीला है, जो 1 किलोमीटर और 750 मीटर में फैला हुआ है। यहां उत्खनन से पता चला है कि यह टीला 4000 वर्ष पुराना है और विभिन्न कालखंडों में यहां कई संस्कृतियों का विकास हुआ है। इस टीले से प्राप्त पुरातत्व अवशेषों में मिट्टी के बर्तन, सिक्के, मूर्तियां, और अन्य कलाकृतियां शामिल हैं। इन अवशेषों से पता चलता है कि यहां बौद्ध धर्म, जैन धर्म, और हिंदू धर्म का प्रचलन था।

जल महल

जल महल की बात आती है तो अक्सर लोग जयपुर के बारे में सोचते हैं। नारनौल, हरियाणा में भी एक जल महल है। इसका निर्माण 1591 में सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान शाह कुली खान ने करवाया था। यह महल पानीपत की दूसरी लड़ाई में हेमू की हार के बाद अकबर को उपहार में दिया गया था।

यह महल एक आर्टिफिशियल झील के बीच में स्थित है और इसमें चार इमारतें हैं। महल की वास्तुकला मुगल और हिंदू शैलियों का मिश्रण है। महल के अंदर कई कमरे, हॉल और बरामदे हैं। महल के चारों ओर बगीचे और फव्वारे हैं।

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