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Pension News: देशभर के लाखों पेंशन भोगियों के लिए आई बड़ी खबर, अब इतनी बढ़ सकती है पेंशन

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देशभर के पेंशन भोगियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। EPS 95 पेंशन योजना का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा किया जाता है।

इस योजना के तहत पेंशनभोगियों का एक प्रतिनिधिमंडल बीते शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये प्रतिमाह और महंगाई भत्ते की मांग समेत अन्य मुद्दों पर बात की।
 

इस बैठक का नेतृत्व ईपीएस 95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने किया। बैठक के बाद राउत की ओर से बयान दिया गया कि "वित्त मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि हमारी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। इस आश्वासन से पेंशनभोगियों में उम्मीद जगी है।


सरकार को बजट में घोषणा करनी चाहिए

राउत का कहना है कि सरकार को आगामी बजट में न्यूनतम पेंशन और महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा करनी चाहिए। उनका कहना है कि "7,500 रुपये से कम न्यूनतम पेंशन और महंगाई भत्ता वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानजनक जीवन देने में विफल रहेगा।

वित्त मंत्री से मुलाकात से पहले राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि "देश भर में 78 लाख से ज्यादा पेंशनभोगी हैं जिनकी स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है।" उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार द्वारा 2014 में न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये करने की घोषणा के बाद भी 36.60 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों को इससे भी कम राशि मिल रही है।

मुख्य मांगे
न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये: पेंशनधारक चाहते हैं कि उनकी न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति माह किया जाए, ताकि वे अपनी बढ़ी हुई लागत का सामना कर सकें।


महंगाई भत्ता: महंगाई भत्ते की भी मांग की गई है, जिससे पेंशनधारकों को महंगाई के हिसाब से पेंशन राशि में बढ़ोतरी हो सके।
स्वास्थ्य सेवाएं: पेंशनधारक मुफ्त इलाज की मांग भी कर रहे हैं, ताकि वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए आर्थिक बोझ का सामना न करना पड़े।

कोई ठोस समाधान नहीं

राउत का कहना है कि "पेंशनभोगी सात-आठ साल से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है अगर ईपीएस 95 की मौजूदा स्थिति की बात करें तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा प्रोविडेंट फंड में जाता है। सैलरी का 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्कीम में जमा होता है। सरकार भी 1.16 फीसदी का योगदान देती है।

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