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BJP-AIADMK Alliance:- लोकसभा-राज्यसभा में क्या असर, केंद्र में कितना मजबूत हुआ NDA?

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नई दिल्ली:- तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन हो गया है। इसका एलान चेन्नई दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था। अन्नामलाई और एआईएडीएमके नेता ईके पलानीस्वामी के साथ प्रेसवार्ता में शाह ने कहा था कि हम 2026 का चुनाव मिलकर लड़ेंगे।
लोकसभा में भाजपा नीत गठबंधन का हाल
भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को पहले से ही लोकसभा में पूर्ण बहुमत है। अब अन्नाद्रमुक से गठबंधन के बाद वह राज्यसभा में खुद को मजबूत कर रही है। इससे भाजपा नीत एनडीए गठबंधन को विधेयकों को पारित कराने में मदद मिल सकेगी। यह गठबंधन ऐसे वक्त हो रहा है, जब सरकार अगले संसद सत्र में 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' विधेयक को पारित कराने की कोशिश कर सकती है। 
राज्यसभा में भाजपा का बहुमत
सिद्धार्थ राव, नई दिल्ली:- राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं। इनमें नौ सीटें खाली हैं। इसका मतलब है कि प्रभावी संख्या केवल 236 ही है। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 119 होता है। अन्नाद्रमुक से गठबंधन के बाद भाजपा इस आंकड़े को पार कर सकती है। राज्यसभा में AIADMK के चार सांसद हैं। उनके नाम हैं- सीवी षणमुगम, एम थंबीदुरई, एन. चंद्रशेखरन और आर. धर्मर। इन्हें मिलाकर भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के पास राज्यसभा में 123 सांसद हो जाएंगे। यह संख्या भी बढ़कर 124 हो सकती है, क्योंकि क्षेत्रीय तमिल पार्टी पीएमके के अंबुमणि रामदास का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है और विधानसभा की मौजूदा स्थिति के आधार पर AIADMK को यह सीट भी मिल सकती है, जिससे राज्यसभा में उसके सदस्यों की संख्या पांच हो जाएगी। इस बीच भाजपा सात अन्य सांसदों छह मनोनीत और एक स्वतंत्र के समर्थन पर भी भरोसा कर सकती है। इसलिए पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए की प्रभावी ताकत 131 है।
संख्या और बढ़ सकती है?
 
सिद्धार्थ राव, नई दिल्ली:- आंध्र प्रदेश से एक सीट खाली है, जो पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पास थी। यह अब मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी के पास जाएगी। तेदेपा भी एनडीए की सहयोगी है। 
इसी तरह मनोनीत सांसदों के लिए चार सीटें खाली हैं। इन सीटों के लिए उम्मीदवार लगभग निश्चित रूप से भाजपा के समर्थन वाले ही होंगे। 
इसके अलावा जम्मू और कश्मीर से चार सीटें खाली हैं। इसके लिए जब चुनाव होंगे, तो भाजपा को 90 सीटों वाले सदन में 29 विधायकों के साथ कम से कम एक सीट मिल सकती है। यह संख्या दो भी हो सकती है।
अगर ऐसा हुआ तो भाजपा गठबंधन 245 सदस्यीय सदन में 141 सीटों के साथ जबरदस्त मजबूत हो जाएगा। ऐसे में 2014 के बाद पहली बार पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को उच्च सदन में स्पष्ट बहुमत मिल सकता है।
गैर-गठबंधन दल भी भाजपा के लिए हो सकते हैं फायदेमंद
सिद्धार्थ राव, नई दिल्ली:- राज्यसभा में ओडिशा की बीजद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी भी कई मौकों पर भाजपा का साथ देती नजर आई है। दोनों ही दलों के पास सात-सात सांसद हैं। वक्फ के दौरान दोनों में से किसी ने भी अपने सदस्यों को एक विशेष तरीके से मतदान करने का निर्देश देने वाला व्हिप जारी नहीं किया था।
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