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बजट राशि जारी...प्रदेश के इन स्कूलों को 45.97 करोड़ की वित्तीय राहत जारी, एसोसिएशन ने कहा धन्यवाद।

Financial relief of Rs 45.97 crore released to Aarohi Model Schools in Haryana.
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बजट राशि जारी... आरोही मॉडल स्कूलों को 45.97 करोड़ की वित्तीय राहत जारी, एसोसिएशन ने कहा धन्यवाद।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग ने 45.97 करोड़ से अधिक की राशि विभिन्न आरोही विद्यालयों के खातों में हस्तांतरित किया है।
हरियाणा के सभी आरोही मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों (एएमएसएसएस) को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आवश्यक 45.97 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी कर दी गई है। इससे विद्यालयों में वेतन, यात्रा भत्ता, कार्यालय व्यय, बिजली, डीजल खर्च और अन्य प्रशासनिक कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सकेगा।
अभी लंबे समय से फंड के अभाव में अनेक विद्यालयों को संचालन में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग ने 45.97 करोड़ से अधिक की राशि विभिन्न आरोही विद्यालयों के खातों में हस्तांतरित किया है। इसके लिए आरोही मॉडल स्कूल स्टाफ एसोसिएशन, हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष मनोज कुमार ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग का धन्यवाद किया।
बता दें कि 45,97,77,364 की कुल राशि प्रदेश के 36 आरोही मॉडल स्कूलों को आवंटित किया गया है। प्रत्येक स्कूल को कर्मचारियों की संख्या एवं आवश्यकताओं के अनुसार धनराशि प्रदान की गई। इस फंड का संचालन संबंधित विद्यालयों के डीडीओ द्वारा किया जाएगा। वहीं, विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी खर्चों का लेखा-जोखा रखना अनिवार्य होगा।
नए सत्र की कक्षाएं शुरू होने से पहले ही स्कूलों में पहुंचा दी गई किताबें : ढांडा।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने दावा किया कि यह पहला मौका है जब कक्षा लगने से पहले ही स्कूलों में बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करवा दी गई। इसके लिए पहले ही तैयारी की जा चुकी थी। जहां पुस्तकें नहीं पहुंची है, वहां भी जल्द पहुंच जाएंगी और लापरवाही बरतने वालों को भी छोड़ा नहीं जाएगा।
शिक्षा मंत्री आज धन्ना भगत पब्लिक स्कूल में आयोजित धन्ना भगत जयंती समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बड़ी है और यही कारण है कि इस बार स्कूलों में पंजीकरण भी बढ़ा है। पिछले साल जो पंजीकरण था, वह आंकड़ा इस बार एक सप्ताह पहले ही पूरा कर लिया गया। 20 अप्रैल अंतिम तिथि तय की थी जबकि अभी दाखिले जारी है।
उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के सरकारी स्कूलों पर दिए गए बयान पर तंज कसते हुए कहा कि वे नाच ना जाने आंगन टेड़ा की स्थिति में हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो आज स्कूलों में बच्चों के लिए पुस्तकें उपलब्ध ना होने का भ्रामक प्रचार कर रहे हैं उनके शासन के समय सत्र शुरू होने के आठ-आठ माह तक पुस्तकें नहीं मिल पाती थी।
14 लाख 14 हजार पुस्तकों के सेट्स बनने थे, 12 लाख भेज चुके।
शिक्षा मंत्री ने कहा पूरे प्रदेश में पुस्तकों के 14 लाख 14 हजार पुस्तकों के सेट्स बनने थे, जिनमें से 12 लाख स्कूलों में पहुंच भी चुके हैं। सभी पुस्तकों को पहुंचाने के लिए 21 अप्रैल तक का लक्ष्य रखा गया था और उम्मीद है कि ये बाकी पुस्तकें भी पहुंच गई होगी। वे आज चंडीगढ़ में अधिकारियों के साथ इस बारे गहन चर्चा करेंगे और कहीं कमी पाई गई तो पैनेल्टी का भी प्रावधान है।
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