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GOVERNMENT NEWS: केंद्रीय कर्मचारियों को लेकर सरकार का सख्त फैसला, DOPT ने जारी की WARNING

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 मोदी सरकार 3.0 में सरकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी को लेकर एक सख्त दिशा-निर्देश जारी किया गया है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय (DOPT) ने सभी सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि जो कर्मचारी नियमित रूप से देर से ऑफिस आते हैं या जल्दी निकलते हैं, उन्हें इस पर गंभीरता से विचार करना होगा।

इस आदेश का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में कार्यकुशलता और समय की पाबंदी को बढ़ावा देना है। सरकार का मानना है कि यदि कर्मचारी समय पर कार्यालय में नहीं पहुंचते या बिना वजह जल्दी कार्यालय छोड़ते हैं, तो इससे न केवल कार्यक्षमता में कमी आती है, बल्कि सार्वजनिक सेवा की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।

DOPT ने स्पष्ट किया है कि यदि कर्मचारी इस दिशा-निर्देश का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यह चेतावनी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक संकेत है कि वे अपनी कार्य पद्धतियों को सुधारें और समय की पाबंदी का पालन करें।

यह कदम कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाने के लिए प्रेरित करेगा और सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाएगा।

DOPT (केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) ने अपने नए आदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए समय की पाबंदी को लेकर और भी सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को अब दफ्तर में अधिकतम 15 मिनट की देरी की अनुमति होगी। इसका उद्देश्य सरकारी कामकाज में किसी भी प्रकार की बाधा न आने देना और कार्यस्थल पर अनुशासन बनाए रखना है।

यदि कोई कर्मचारी इस समय सीमा का उल्लंघन करता है और नियमित रूप से लेटलतीफी करता है, तो उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। DOPT ने यह भी चेतावनी दी है कि कर्मचारियों को समय पालन के प्रति पूरी तरह से जिम्मेदार होना होगा, ताकि सरकारी दफ्तरों में कामकाजी माहौल में कोई विघ्न न आए और सार्वजनिक सेवाएं सही तरीके से चल सकें।

यह कदम सरकारी कार्यालयों में कामकाजी अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है, और कर्मचारियों से उम्मीद की जाती है कि वे अपने काम के प्रति समर्पित रहेंगे और समय पर कार्यालय पहुंचेंगे।

 

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