Haryana: हरियाणा में 64 हजार बेसहारा गोवंश सड़कों पर घूमने को मजबूर, लगातार बढ़ रहे है हादसे
विधानसभा में कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने सवाल पूछा था कि राज्य में डेयरियों तथा निजी व्यक्तियों के पास रखे गोवंश की संख्या कितनी है और कितना गोवंश बेसहारा है।
साथ ही पंचायती तथा सरकार द्वारा संचालित गोशालाओं की जानकारी मांगी थी। जवाब में पशुपालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि वर्ष 2019 में हुई गणना के मुताबिक प्रदेश में कुल 19 लाख 32 हजार 39 गोवंश है।
21वीं पशु गणना का काम जारी
गोवंश तथा अन्य पशुओं की संख्या के बारे में पता लगाने के लिए 21वीं पशु गणना का काम जारी है। अंबाला जिले में 2, चरखी दादरी में 1, गुरुग्राम में 2 और रेवाड़ी में 1 पंचायती गोशाला चल रही है।
18 जिलों में एक भी पंचायती गोशाला नहीं है। सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के आठ जिलों में 12 सरकारी गोशालाएं चल रही हैं। इनमें 9810 गोवंश रह रहे हैं। हरियाणा गोसेवा आयोग के माध्यम से कुल 680 गोशालाएं पंजीकृत हैं।
हर जिले में खोला जाएगा गो अभयारण्य
अब प्रदेश सरकार की योजना हर जिले में गो अभयारण्य खोलने की है, जिससे स्थिति मे सुधार होगा। गोचरान की जितनी भूमि है, उसे चिह्नित किया जाएगा और इस भूमि को ठेके पर दिया जाएगा।
ऐसा करके जो भी पैसा आएगा, उस पैसे का उपयोग गोशालाओं की देखरेख में किया जाएगा। अधिकारियों को रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत गोचरान की भूमि को गोशालाओं की इच्छा अनुसार चारा उगाने के लिए भूमि आवंटित की जा सकेगी।
गोशालाओं को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर
उन्होंने बताया कि बेसहारा गोवंश कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। अब बेसहारा बछड़ा या बछड़ी को पकड़ने वाली गोशाला को 300 रुपये, गाय के लिए 600 रुपये और नंदी के लिए 800 रुपये की दर से नकद भुगतान किया जाएगा।
गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में गोशालाओं को बायोगैस प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बायोगैस बनाने के लिए तकनीकी सहायता सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
गाय के गोबर से तैयार होने वाले प्रोमो खाद की विधि भी गोशालाओं के साथ साझा की जाएगी, ताकि प्रोमो खाद डीएपी के विकल्प के रूप में उपयोग हो सके।