Haryana Weather : हरियाणा में कैसा रहेगा आज का मौसम, देखें विभाग की ताजा अपडेट 

25 अक्टूबर के बाद मौसम में बदलाव आ सकता है।

Haryana Weather : हरियाणा में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। रातें लगातार ठंडी हो रही है। हिसार जिले में सबसे ठंडी रातें दर्ज की गई है। यहां न्यूनतम तापमान 17.1 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले हफ्ते तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। 25 अक्टूबर के बाद मौसम में बदलाव आ सकता है।

यहां अधिकतम तापमान 35.0 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया है। 24 घंटे में तापमान में हुए बदलाव की बात करें तो दिन और रात के तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दिन के तापमान में 0.5 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, रात के न्यूनतम तापमान में 0.4 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है।

आगे कैसा रहेगा मौसम

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में अगले सात दिनों तक मौसम साफ रहेगा। बारिश होने के कोई आसार नहीं हैं। हालांकि मौसम में जो बदलाव हो रहे हैं, उससे रात के समय पाला गिरेगा, जिससे सुबह और शाम हल्की ठंड महसूस होगी। मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि आने वाले दिनों में दिन के साथ रात के तापमान में भी गिरावट आएगी।
प्रदेश के लिए अच्छा रहा मानसून

राज्य में मानसून का प्रदर्शन अब तक संतोषजनक रहा है। कुल मिलाकर अब तक 424.6 मिमी बारिश के मुकाबले 406.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से महज 4% कम है। यानी बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है।
दूसरी ओर, अगर जिले के हिसाब से बारिश की स्थिति देखें तो 10 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 से 38% कम बारिश दर्ज की गई है। 12 जिलों में सामान्य से 10 से 71% अधिक बारिश हुई है।

तीन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश

इस बार मानसून सीजन नूंह, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ पर ज्यादा मेहरबान रहा। नूंह में सामान्य से 71 फीसदी, गुरुग्राम में 53 फीसदी और महेंद्रगढ़ में सामान्य से 43 फीसदी अधिक बारिश हुई है। इन 3 जिलों में अत्यधिक बारिश हुई है। हालांकि झज्जर, चरखी दादरी, रेवाड़ी, पलवल, सिरसा और कुरुक्षेत्र में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

ये 3 जिले सबसे सूखे रहे

हालांकि मानसून अब तक 10 जिलों में बारिश का कोटा पूरा नहीं कर पाया है, लेकिन सबसे अधिक बेरुखी करनाल, यमुनानगर और पंचकूला की रही। करनाल में सामान्य से 38 फीसदी, यमुनानगर में 33 फीसदी और पंचकूला में सामान्य से 32 फीसदी कम बारिश हुई है। मानसून कभी भी विदा हो सकता है, इसलिए इन जिलों के लिए बारिश का कोटा पूरा करना संभव नहीं लगता।

 

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